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अब भारतीय सेना में क्लर्क बनने को लाने होंगे 60 फीसदी अंक

देहरादून। भारतीय सेना में क्लर्क बनने की शर्तें और कड़ी कर दी गयी हैं। सेना ने भर्ती होने वाले युवाओं के लिए पात्रता में बदलाव किये हैं। अब इंटर में 60 फीसद से कम अंकों वाले युवा सेना में क्लर्क नहीं बन पाएंगे। अभी तक 50 फीसद अंक वाले आवेदन कर लेते थे। इस बाबत सभी भर्ती कार्यालयों को निर्देश जारी कर दिये गए हैं।

सेना ने लिपिक वर्ग में गुणात्मक सुधार लाने के लिये यह कदम उठाया है। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक लिपिक के अलावा अन्य ट्रेड और जनरल ड्यूटी के पदों की पात्रता में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अभी तक लिपिक वर्ग में भर्ती होने के लिए बारहवीं परीक्षा में पहले कुल 50 फीसद अंक के साथ ही प्रत्येक विषय में कम से कम 40 फीसद अंक अनिवार्य थे। लेकिन अब कुल 60 फीसद अंक के साथ ही हर विषय में 50 फीसद अंक की अनिवार्यता कर दी गई है।

गैर शादीशुदा का शपथ पत्र 

भर्ती से पहले अभ्यर्थी को शपथपत्र देना होगा कि ‘मैं कुंवारा हूं’ तभी उसके आवेदन पर विचार किया जाएगा। दरअसल, खुली भर्ती में 21 साल से कम आयु के विवाहित युवक भी चयनित हो जाते थे। लेकिन, इसके बाद ट्रेनिंग आदि के दौरान ऐसे युवकों के चोटिल होने या मौत हो जाने पर उनकी पत्नियां सेना पर मुआवजे के लिए दावा ठोक देती थी। चूंकि 21 साल से पहले युवकों की शादी को कानूनी मान्यता नहीं है। इसीलिए इन पचड़ों से बचने के लिए भर्ती मुख्यालय ने फैसला लिया है कि भर्ती के लिए आने वाले 21 साल से कम उम्र के युवकों को शपथपत्र देना होगा कि वह कुंवारा है। शपथपत्र को उसे ग्राम प्रधान या शहर में वार्ड के पार्षद और अन्य जनप्रतिनिधि से सत्यापित भी कराना होगा।

फिजिकल, मेडिकल से पहले लिखित परीक्षा 

सेना भर्ती में जल्द एक और बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। दौड़ के स्थान पर युवाओं को पहले लिखित परीक्षा देनी होगी। शुरुआती तौर पर इसे कुछ राज्यों में लागू किया गया है। अभी फिजिकल और मेडिकल टेस्ट के बाद लिखित परीक्षा देनी होती है। नए सिस्टम में ऑनलाइन लिखित परीक्षा पहले होगी। इसके बाद होने वाले फिजिकल और मेडिकल टेस्ट में कैंडिडेट्स की संख्या कम होगी।

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