प्राथमिक शिक्षकों के लिए बीएड जरूरी नहीं, 3,253 पदों पर शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ
Uttarakhand Cabinet Decision: शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020 व 2021 में सहायक अध्यापक के दो हजार से अधिक पदों के लिए आवेदन मांगे थे। इस बीच विभाग में कुछ अन्य पद भी खाली हो गए, लेकिन पहले एनआईओएस से डीएलएड और फिर बीएड की वजह से शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया लटकी रही।
देहरादून। धामी कैबिनेट ने उत्तराखंड राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली 2012 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिससे प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षकों के 3253 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया।
बेसिक शिक्षा निदेशक रामकृष्ण उनियाल के मुताबिक, शासन से भर्ती के संबंध में आदेश मिलने ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा में बेसिक के शिक्षकों के पदों पर भर्ती पिछले तीन साल से भी अधिक समय से लटकी है। शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020 व 2021 में सहायक अध्यापक के दो हजार से अधिक पदों के लिए आवेदन मांगे थे।
इस बीच विभाग में कुछ अन्य पद भी खाली हो गए, लेकिन पहले एनआईओएस से डीएलएड और फिर बीएड की वजह से शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया लटकी रही। पहला मामला 15 जनवरी 2021 का है। जब शासन ने शिक्षकों की इस भर्ती में एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को भी शामिल करने का आदेश कर दिया था। इस पर बड़ी संख्या में एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन किया।
इन अभ्यर्थियों के आवेदन करने के बाद शासन ने 10 फरवरी 2021 को एक अन्य आदेश जारी कर 15 जनवरी 2021 के आदेश को रद्द कर दिया। वहीं, एक अन्य मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट ने फिर हाईकोर्ट ने 14 फरवरी 2023 को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने का आदेश कर दिया, जिससे शिक्षकों की भर्ती कानूनी दांव पेच में उलझी रही।
प्राथमिक शिक्षक पद के लिए बीएड योग्यता को हटाया