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उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल, कब सुध लेगी सरकार: जनसेवी भावना पांडे

देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी, जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष एवँ उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की दुर्दशा पर दुःख प्रकट किया। उन्होंने इसके लिये राज्य सरकार को पूरी जिम्मेदार ठहराते हुए प्रश्न किया कि आखिर कब पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त होंगी और कब आमजन की तकलीफों की सुध लेगी सरकार।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने पहाड़ के लोगों की तकलीफों को बयां करते हुए कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल, जिस वजह से पहाड़ के लोगों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यहाँ हर साल सैकड़ों लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं एवं कईं लोग तड़पकर काल के गाल में समा जाते हैं। इसके बावजूद भी सरकार अभी तक पहाड़ों के दूरस्थ इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंचा पाई है और पहाड़ों में जहाँ स्वास्थ्य केंद्र हैं भी तो उनकी हालत बहुत दयनीय है।

उन्होंने बीते सोमवार को हुई एक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि उत्तरकाशी के पुरोला में मोरी के आराकोट गांव की गर्भवती महिला मीनाक्षी बीते एक माह पहले प्रसव कराने अपने मायके पुरोला गांव आई थी। सोमवार सुबह मीनाक्षी को प्रसव पीड़ा हुई। परिजनों द्वारा किसी तरह उसे अस्पताल ले जाने का प्रबंध किया गया किन्तु सही समय पर उपचार न मिल पाने की वजह से महिला ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया।

उन्होंने कहा कि महिला के परिजनों ने एंबुलेंस को भी फोन किया था किन्तु एंबुलेंस के नहीं पहुंचने पर परिजन गर्भवती को लेकर पैदल ही अस्पताल के लिए निकल गए। गांव से अस्पताल दूर है। इससे पहले की महिला अस्पताल पहुंचती, उसने पुरोला बाजार के निकट अस्पताल के संपर्क मार्ग पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। मार्ग पर दर्द से कराहती महिला को आसपास की अन्य महिलाओं ने चारों तरफ से कपड़ों से ढककर प्रसव कराया।

जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि ये हमारे उत्तराखंड के लिए बड़े दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक पहाड़ों में लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं, जबकि राज्य बने 22 वर्षों का समय व्यतीत हो चुका है। उन्होंने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर सरकार कर क्या रही है, पहाड़ों में तमाम जरूरी सुविधाएं कब मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि पिछले 22 वर्षों में सरकारों ने उत्तराखंड की भोलीभाली जनता को सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं दिया।

जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने चारधाम यात्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि यात्रा के दौरान अबतक कईं यात्री उचित स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में जान गंवा चुके हैं किंतु सरकार ठोस इंतज़ाम करने से कतरा रही है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू हुए अभी कुछ दिन ही हुए हैं और इस अवधि में 78 तीर्थ यात्रियों की हृदयाघात से मौत हो चुकी है। इस हिसाब से धाम में प्रतिदिन दो तीर्थ यात्री दम तोड़ रहे हैं। सोमवार को भी तीन तीर्थ यात्रियों की हृदयाघात से मौत हो गई। इसी के साथ ऋषिकेश समेत चारों धामों में अब तक 167 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने उत्तराखंड सरकार से अपील करते हुए कहा कि पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए ठोस योजनाएं बनाई जाएं एवँ पहाड़वासियों की सुध ली जाए। उन्होंने सरकार से माँग करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री एवँ स्वास्थ्य मंत्री इन घटनाओं को संज्ञान में लें और लोगों को राहत देने का प्रयास करें।

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