देहरादून। दुनियाभर में हाहाकार मचाने वाले कोरोना वायरस ने अब देवभूमि उत्तराखंड में भी दस्तक दे दी है। इस वक्त की बड़ी खबर राजधानी देहरादून से सामने आ रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में रविवार को कोरोनावायरस का पहला मामला सामने आया है। देहरादून में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अनुसंधान के ट्रेनी आईएफएस में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। ये प्रशिक्षु कुछ दिन पहले एक दल के साथ कई देशों के भ्रमण कर लौटा है। सीएमओ डॉ. मीनाक्षी जोशी ने ट्रेनी आईएफएस को कोरोना वायरस होने की पुष्टि की है।
बता दें कि कोरोना की आशंका के चलते दो ट्रेनी आईएफएस समेत छह और मरीजों के सैंपल शनिवार को जांच के लिए वायरोलॉजी लैब हल्द्वानी भेजे गए थे। इस तरह से जिले से शनिवार तक 20 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। जिसमें से अब तक आई सभी 11 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सतर्कता बरत रहे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार विभिन्न अस्पतालों और संस्थानों से संपर्क कर रही हैं। इसी क्रम में छह सैंपल जांच के लिए डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कालेज, हल्द्वानी लैब भेजे गए। इसमें दो सैंपल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे दो ट्रेनी आईएफएस के भी शामिल थे।
अकादमी के 62 ट्रेनी आईएफएस के अलग-अलग ग्रुप पिछले दिनों विभिन्न देशों से ट्रेनिंग टूर से लौटे थे। सभी की स्क्रीनिंग करने के बाद शुक्रवार को चार ट्रेनी आईएफएस के सैंपल जांच के लिए भेजे थे। इसमें से एक ट्रेनी में आज कोरोना की पुष्टि हुई है।
इससे पूर्व उत्तराखंड सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने इस बात की पुष्टि की है। वायरल संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में उत्तराखंड महामारी रोग अधिनियम (कोविड-19) में लागू कर दिया है।
इससे जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को वायरस की रोकथाम के लिए असीमित अधिकार प्राप्त हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके तहत अब स्कूल और आंगनबाड़ी के बाद राज्य के सभी कॉलेज, सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स 31 मार्च तब बंद रहेंगे। लेकिन मेडिकल कॉलेज खुले रहेंगे। वहीं राज्य में आइसोलेशन वार्ड के लिए 50 करोड़ की राशि मंजूर की है।
आपको बता दें कि रविवार दोपहर को ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला के पास कोरोना से संदिग्ध इटली से आई महिला को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एम्स में भर्ती कराया है। महिला को अभी आईसोलेशन वार्ड में रखा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि मामला संदिग्ध है, इसलिए महिला के ब्लड सैंपल पुणे जांच के लिए भेजे जाएंगे। जानकारी के अनुसार, महिला 29 फरवरी को ऋषिकेश घूमने आई थी।
उस दौरान उसने लक्ष्मण झूला के पास होटल में कमरा लिया था। वहां बारिश में भीगने के कारण उन्हें खांसी और जुकाम की शिकायत हो गई। इसके चलते जब डॉक्टरों को दिखाया तो कुछ कोरोना वायरस जैसे लक्षण मिले। इसके बाद विभागीय टीम ने महिला को एम्स में भर्ती कराया।
उधर, सितारगंज में ग्रीस से घूमकर लौटी युवती को देखते ही कोरोना वायरस के संदेह से गांव में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने तुरंत इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी। वहीं, सूचना मिलते ही खुफिया एजेंसी, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम युवती के घर पहुंची और थर्मल स्कैनिंग की। युवती ने बताया कि उसे दिल्ली में दो बार जांच के बाद ही घर भेजा गया है। दरोगा हरविंदर कुमार ने बताया कि युवती बिजटी गांव की रहने वाली है। पांच महीने पहले वह ग्रीस की राजधानी एथेंस घूमने गई थी।