बर्फ़बारी के कारण कट गया इन क्षेत्रों का संपर्क, लोगों का जीना हुआ मुहाल
देहरादून। उत्तराखंड में बर्फ़बारी ने जमकर कहर बरपाया है। राज्य में बारिश और बर्फबारी का क्रम सुबह तक जारी रहा। इस दौरान मूसरी, चकराता, धनोल्टी, नागटिब्बा और सुरकंडा समेत बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ ही चमोली की निजमूला और उत्तरकाशी की गंगा-यमुना घाटी के गांव बर्फ से लकदक हो गए।
भारी हिमपात के कारण गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ हाईवे समेत 39 सड़कों पर आवाजाही ठप हो गई है, जबकि 125 से ज्यादा गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। बर्फबारी से बिजली लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं और 400 से ज्यादा गांव अंधेरे में डूब गए। समूचा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार से मौसम साफ रहेगा।
शुक्रवार को मौसम का मिजाज नरम पड़ा और धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन दुश्वारियों का सिलसिला बना हुआ है। सड़कों पर कई जगह वाहन फंसने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हिमपात से मूसरी और आसपास के इलाकों में बर्फबारी के कारण मसूरी-चम्बा मार्ग बंद हो गया है।
इसके अलावा चमोली में औली-जोशीमठ मार्ग पर भी आवाजाही बंद हो गई है। पखवाड़ेभर पहले हुई बर्फबारी के कारण उत्तरकाशी जिले में हालात अभी सामान्य ही हुए थे कि ताजी बर्फ ने मुसीबत फिर बढ़ा दी है। जिले में करीब 45 गांव जिला मुख्यालय अलग-थलग पड़ गए हैं।
डेढ़ दर्जन सड़कें बंद हैं और करीब 50 गांवों में बिजली गुल है। चमोली और देहरादून के जौनसार-बावर क्षेत्र में हालात कुछ ऐसेे ही हैं। टिहरी जिले के दूरस्थ नैनबाग क्षेत्र में बर्फबारी से आधा दर्जन गोशालाएं क्षतिग्रस्त होने के भी समाचार हैं।
कुमाऊं के पिथौरागढ़ में रात भर तेज गरज, बिजली चमकने और बादलों के गरजने से खौफ बना रहा। जिले के मुनस्यारी में भारी हिमपात के बाद थल -मुनस्यारी मार्ग बंद हो चुका है। नैनीताल के किलबरी हिमालय दर्शन समेत ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात हुआ है।
मसूरी में आधी रात को हुए हिमपात के बाद सुबह सैलानियों ने उधर का रुख किया। पिछले माह 22 जनवरी के बाद यह तीसरा मौका है जब शहर में बर्फ पड़ी है। पर्यटक फिलहाल मसूरी की सैर कर ही संतुष्ट हैं। वजह यह कि निकटतम धनोल्टी और सुरकंडा जाने वाला मार्ग बंद होने के कारण सैलानी वहां नहीं पहुंच पाए।
बारिश और बर्फबारी के बाद मसूरी में पारा लुढ़क गया है। गुरुवार को यहां न्यूनतम तापमान 5.6 रिकार्ड किया गया था, जो शुक्रवार को शून्य से नीचे पहुंच गया। नई टिहरी और मुक्तेश्वर में भी तापमान शून्य से नीचे रहा, जबकि जोशीमठ में यह शून्य रिकार्ड किया गया।