बारिश की एक बूंद से सौ एलईडी बल्ब जला सकता है ये जनरेटर
मुंबई। हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग (सिटीयू) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा जनरेटर बनाया है जो बारिश की एक बूंद से सौ छोटे एलईडी बल्ब रोशन कर सकता है। उच्च क्षमता वाला यह जनरेटर विद्युत ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया के लिए एक कारगर कदम साबित हो सकता है। जर्नल नेचर के नवीनतम अंक में प्रकाशित इस शोध का नेतृत्व सिटीयू के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने किया था।
हांगकांग विश्वविद्यालय के इंजीनियर व प्रोफेसर जुआनकाई वांग ने बताया कि सुनने में यह आश्चर्यजनक लग सकता है, लेकिन यह सच है। इस संयंत्र के जरिये 15 सेंटीमीटर की ऊंचाई से पानी की सौ माइक्रोलीटर की एक बूंद 140 वोल्ट ऊर्जा का उत्पादन सम्भव कर सकेगी। यह जनरेटर एक बार में कई गुना ऊर्जा पैदा कर सकता है। हांगकांग के वैज्ञानिक लंबे समय से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, उन्हें सफलता अब मिली है।
पॉलीटेट्राफ्लूरोएथिलीन इलेक्ट्रोड पर तप्त बूंदें होने तक विद्युत उत्पन्न होगी
उन्होंने आगे बताया कि इस संयंत्र में दो इलेक्ट्रोड होंगे। इसमें एक एल्युमिनियम और दूसरा पॉलीटेट्राफ्लूरोएथिलीन (पीटीएफई) कोटेड इंडियम टिन ऑक्साइड से बना होगा। पॉलीटेट्रा फ्लूरो एथिलीन इलेक्ट्रोड का उपयोग अधिक स्थायी होता है। जब पानी की बूंद इस पर गिरेगी तब तप्त होने तक विद्युत उत्पन्न होगी, जबकि आम संयंत्र में इसकी क्षमता कम होती है। बूंदें कम आवृत्ति की गतिज ऊर्जा से आती हैं। जिसका परिवर्ती ऊर्जा के तौर पर बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है।
नरेटर से वर्षा के जल का पूरा इस्तेमाल हो सकेगा
परंपरागत संयंत्र में ट्राइबोइलेक्ट्रिक प्रभाव (जब कोई दो पदार्थ एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं तो घर्षण से इलेक्ट्रॉन का लेन-देन होता है।) के जरिये ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। आमतौर पर ईंधन के जरिये इलेक्ट्रोड कम ऊर्जा उत्पन्न कर पाता है, लेकिन इस तकनीक से ऊर्जा का अधिक उत्पादन संभव है। उच्च क्षमता वाला यह जनरेटर एक बार में अपनी क्षमता से कई गुना अधिक ऊर्जा का उत्पादन कर सकता है। इस जनरेटर से वर्षा के जल का पूरा इस्तेमाल हो सकेगा और दुनिया को अपनी जरूरत से अधिक बिजली बनाने में सफलता मिलेगी।