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बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाना जानते हैं मनमोहनः मोदी

नई दिल्ली। नोटबंदी को संगठित एवं कानूनी लूट का उदाहरण बताने के बयान को लेकर मनमोहन सिंह पर तीखा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि 35 वर्षों तक देश के आर्थिक पदिदृश्य के केंद्र में रहने वाले मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में इतना सब कुछ हुआ लेकिन उनके ऊपर कोई दाग तक नहीं लगा और ‘बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने की कला डॉ. साहब’ ही जानते हैं और कोई नहीं जानता।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हर बात में विरोध ठीक नहीं है और कांग्रेस किसी भी रूप में पराजय स्वीकार हीं नहीं करना चाहती, यह कब तक चलेगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ”पिछले सत्र में मनमोहन सिंह जी कुछ कहा था। करीब करीब 35 साल तक वह देश के आर्थिक परिदृश्यों के केंद्र में रहे। डॉ. साहब पूर्व प्रधानमंत्री है और वे आदरणीय हैं। हिन्दुस्तान में पिछले 30-35 वर्षों के आर्थिक परिदृश्य में उनका दबदबा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 70 साल में हिन्दुस्तान में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति है जिसका आर्थिक परिदृश्य में इतना दबदबा रहा। ”हम राजनीतिकों को इनसे काफी कुछ सीखने की जरूरत है। इनके समय इतना सब कुछ हुआ, घोटाले हुए लेकिन इनके ऊपर एक दाग तक नहीं लगा। ‘बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने की कला डॉ. साहब’ ही जानते हैं और कोई नहीं जानता।’’
प्रधानमंत्री के बयान पर ऐतराज व्यक्त करते हुए कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। उल्लेखनीय है कि पिछले सत्र में नोटबंदी पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था कि विमुद्रीकरण को जिस तरह से लागू किया गया है, वह ऐतिहासिक कुप्रबंधन है और यह संगठित एवं कानूनी लूट का उदाहरण है। प्रधानमंत्री के जवाब के बाद माकपा, भाकपा, तृणमूल कांग्रेस और अमर सिंह को छोड़ कर सपा के सदस्यों ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण में अपना संशोधन अस्वीकार करने के कारण सदन से वाकआउट किया।
शीतकालीन सत्र में मनमोहन सिंह द्वारा उपयोग किये गए शब्दों के चयन से क्षुब्ध प्रतीत हो रहे मोदी ने कहा कि सदन में जब लूट और ब्लंडर जैसे शब्द इस्तेमाल किये जाते हैं, तब समझना चाहिए कि मर्यादा क्या होती है। हममें लोकतंत्र और संविधान के दायरे में रह कर उसी रूप में जवाब देने का सामर्थ्य है। प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के समर्थन में दिये गए दिग्गज वामपंथी नेता ज्योर्तिमय बसु और हरकिशन सिंह सुरजीत के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि सीताराम येचुरी के दल को विमुद्रीकरण का समर्थन करना चाहिए।

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