बेटी के लिए अपनी इमेज बदलना चाहते हैं नवाज़ुद्दीन
मुंबई। वेब शोज के कई सारे ऑफर आने और इनसे खासी कमाई होने के बावजूद नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने आने वाले दो साल तक वेब शोज से पूरी तरह दूर रहने का प्रण लिया है। इस बीच वे अपना पूरा फोकस फिल्मों पर रखेंगे। फिल्मों के मामले में भी उनकी तरजीह ‘मोतीचूर चकनाचूर’ जैसी ‘रोमांटिक कॉमेडी’ रहेगी। इस फिल्म में वे 36 साल के हो चुके पुष्पेंदर त्यागी के रोल में हैं। जिसे ‘मोड़ी’ यानी लड़की शादी को नहीं मिल रही है।
किसी तरह अथिया शेट्टी का किरदार ऐनी उसकी जिंदगी में आता है। पुष्पेंदर से शादी के पीछे उसका भी हिडेन एजेंडा है। वह यह कि उसके जरिए उसे दुबई सेटल होना है। इस फिल्म का जेनर रॉम-कॉम है और नवाज आगे ऐसी ही फिल्मों को करने के मूड में हैं। ताकि उन्हें बतौर लीड एक्टर अपनी एक्टिंग दिखाने का और मौका मिले। नवाज से अपने दिल की यह बात देेेश के एक प्रसिद्ध अखबार से खास चर्चा में कही है।
इस बारे में कहते हैं, ‘जाहिर तौर पर अनुराग कश्यप की ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के फैजल खान ने फिल्मों में मेरे लिए जो कुछ किया, वही ‘सेक्रेड गेम्स’ के गणेश गायतोंडे ने मेरे लिए वेब शोज में किया। मुझे इस तरह के काफी ऑफर्स भी आ रहे हैं, पर मैं ऐसे किरदारों और वेब शोज से दो सालों का ब्रेक लेना चाहता हूं।
इन सीरीज को मेरी बेटी भी देखना चाहती है, पर वह छोटी है। उसे अभी ऐसे शो नहीं दिखा सकता। इन किरदारों ने मेरी एक अलग तरह की इमेज बना दी है। अब उस इमेज को तोड़ना चाहता हूं। कभी लगातार एक तरह की इमेज में बंधे नहीं रहना चाहता। मैं अभी हाल फिलहाल रोमांटिक कॉमेडी जोनर की फिल्में करना चाहता हूं।’
नवाज आगे कहते हैं…’बायोपिक का भी दौर इन दिनों चल रहा है। मुझे अकबर के साथ ही तुगलक पर बायोपिक करनी है। जिस पर गिरीश कर्नाड का प्ले बेस्ड रहा है। मुझे अचीवर के बायोपिक नहीं करने हैं। मुझे फेलियर लोगों के बायोपिक करने हैं। वैसे लोगों के बायोपिक करने हैं, जो संघर्ष करते रह जाते हैं, पर सफलता से महरूम रह जाते हैं। इंडियन सिनेमा में जिस तरह से बायोपिक का दोहन हुआ है, वह देख हैरानी भी होती है।
नवाज ने राइटर्स को इंडिकेट भी कर दिया है कि अभी अगले कुछ साल उन्हें रोमांटिक और कॉमेडी जैसी डिफरेंट थीम वाली कहानियां ही ऑफर करें। उन्हें ध्यान में रखकर ऐसी कहानियां लिखी जाएंगी तो ही वे उन्हें तव्वजो देंगे। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि गणेश गायतोंडे या फिर फैजल खान टाइप कैरेक्टर अब न दिए जाएं, हालांकि इन्हीं किरदारों ने उन्हें बेशुमार शोहरत भी दी है।