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“भगोड़ों का साथ, लुटेरों का विकास” भाजपा का एकमात्र लक्ष्य है: कांग्रेस

सिंघवी ने कहा, ‘‘माल्या ने दो चीजे कही हैं। पहली कि उसने वित्त मंत्री से व्यवस्थित ढंग से मुलाकात की थी और दूसरी यह कि उसने मामले को सुलझाने की पेशकश की थी। इस मामले का पूरा खुलासा होना चाहिए। व्यापक स्पष्टीकरण आना चाहिए और व्यापक जांच होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट होना चाहिए कि क्या यह मुलाकात चलते फिरते हुई है या फिर व्यवस्थित ढंग से हुई है। माल्या की बात से लगता है कि व्यवस्थित ढंग से मुलाकात हुई थी।’’ कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘जब बैंकों को मालूम था, वित्त मंत्रालय को मालूम था, पूरी सरकार को मालूम था और माननीय प्रधानमंत्री को मालूम था कि माल्या पर इतना बड़ा कर्ज बकाया है। ऐसे में उसे देश से बाहर क्यों जाने दिया गया। यह बुनियादी सवाल है जिसका उत्तर पूरा देश जानना चाहता है।’’

इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भगोड़ों का साथ, लुटेरों का विकास” भाजपा का एकमात्र लक्ष्य है। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी, आपने ललित मोदी, नीरव मोदी ‘हमारे मेहुल भाई’, अमित भटनागर जैसों को देश के करोड़ों रूपये लुटवा, विदेश भगा दिया। विजय माल्या, तो श्री अरुण जेटली से मिलकर, विदाई लेकर, देश का पैसा लेकर भाग गया है? चौकीदार नहीं, भागीदार है! दरअसल, माल्या ने बुधवार को कहा कि वह भारत से रवाना होने से पहले वित्त मंत्री से मिला था।

लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने के लिए पहुंचे माल्या ने संवाददाताओं को बताया कि उसने मंत्री से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी। उधर, वित्त मंत्री जेटली ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया था। जेटली ने कहा कि माल्या राज्यसभा सदस्य के तौर पर हासिल विशेषाधिकार का ‘दुरुपयोग’ करते हुए संसद-भवन के गलियारे में उनके पास आ गया था।

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