भजन मंडली में काम करने वाले ने ही की गायक और उसके परिवार की हत्या
शामली। पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय भजन गायक अजय पाठक के परिवार के हत्यारोपी को पकड़कर चार हत्याओं का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने अजय पाठक, उनकी पत्नी, बेटी और बेटे की हत्या के मामले में कैराना निवासी हिमांशु सैनी को गिरफ्तार किया है। हिमांशु सैनी अजय पाठक की भजन मंडली में काम करता था। उसका घर पर काफी आना-जाना था।
दरअसल, मंगलवार 31 दिसंबर की शाम को शामली की आदर्श मंडी थाना पुलिस को सूचना मिली कि मोहल्ला पंजाबी कॉलोनी में अजय पाठक, उनकी पत्नी स्नेह और बेटी वसुंधरा के शव घर पर पड़े हुए हैं। अजय पाठ का बेटा भागवत और ईको स्पोर्ट कार घर से गायब मिले थे। घटना के खुलासे के लिए पुलिस ने चार टीमों का गठन किया था। अजय के परिजन हरिओम पाठक ने इस संबंध में केस दर्ज कराया था। भागवत पाठक का शव पुलिस को मंगलवार देर रात पानीपत में गाड़ी में अधजली हालत में मिला था। इस मामले में पुलिस ने 1 जनवरी (बुधवार) को कैराना के झारखेड़ी थाना क्षेत्र निवासी हिमांशु सैनी को पानीपत में टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया है। उसके पास से हत्या में इस्तेमाल किए गए तलवार और चाकू बरामद कर लिए गए हैं।
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एसपी विनीत जायसवाल के अनुसार, हिमांशु ने पूछताछ में बताया है कि वह अजय पाठक की भजन मंडली में दो-ढाई साल से काम कर रहा था। उसका घर पर काफी आना-जाना था। कभी-कभी वह वहीं घर पर रुक जाता था। हिमांशु पर कई लोगों का कर्ज हो गया था। इसके अलावा उसने बैंकों से लाखें रुपये का लोन ले रखा है। इसकी किश्त वह समय से जमा नहीं करा पाया था, जिस कारण उसको कानूनी नोटिस भी मिल चुका है। इस वजह से उसने कई बार अजय पाठक से सेलरी बढ़ाने की बात कही लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया। हिमांशु के मुताबिक, उसने अजय पाठक को 60 हजार रुपये उधार भी दे रखे थे। रुपये वापस मांगने पर उसको अपमानित किया जाता था।
हिमांशु ने बताया कि 30 दिसंबर (सोमवार) की रात को भी उसे रुपये वापस मांगने पर आपमानित किया गया था। इससे नाराज होकर उसने वारदात को अंजाम देने का प्लान बनाया। सोमवार की रात को वह अजय पाठक के घर पर ही रुक गया। रात करीब 3 बजे उठकर वह पहली मंजिल पर बने कमरे में गया। वहां उसने सो रहे अजय पाठक की तलवार से हत्या कर दी। इसके बाद उसने कमरे में सो रही स्नेह पर हमला किया। स्नेह दवा लेकर सो रही थी। स्नेह की हत्या करने के बाद इसी मंजिल में दूसरे कमरे में पहुंचा। वहां वसुंधरा और भागवत सो रहे थे। उसने वसुंधरा की तलवार से हत्या कर दी और भगावत का गला दबाकर उसे मार डाला।
चारों के शवों को ठिकाना लगाने के लिए वह एक-एक करके वसुंधरा और भगवत के शव को नीचे ग्राउंड फ्लोर पर ले आया। ईको स्पोर्ट गाड़ी की डिग्गी में उसने भगवत का शव डाल दिया लेकिन वसुंधरा का शरीर भारी होने के कारण वह उसे गाड़ी में नहीं डाल सका। इसक बाद उसने वसुंधरा के शव को रजाइ्र में लपेटकर नीचे के कमरे में रख दिया और बाहर से ताला लगा दिया। इस बीच हिमांशु ने सबके मोबाइल ले लिए और जगह को खंगालना शुरू कर दिया।
अलमारी से उसने एक महिला का बैग भी निकाला और अजय व स्नेह के शव को कंबल से ढक दिया। हिमांशु को पता था कि अजय 31 दिसंबर की सुबह परिवार के साथ करनाल जाने वाले हैं। इस कारण आरोपी घर के बाहर ताला लगाकर कार लेकर चला गया, जिससे लोगों को लगे कि अजय परिवार के साथ करनाल चले गए हैं। रात को वह फिर आता और तीनों शवों को ठिकाने लगा देता। साथ ही उसकी घर में रखे नगदी और जेवर पर भी हाथ साफ करने की योजना थी। शाम को मामला खुलने के बाद वह डर गया और सबूत मिटाने के लिए पानीप त टोल प्लाजा के पास कार को जला दिया।