भाजपा ने किया लोकतंत्र खत्म करने का शर्मनाक काम : सोनिया

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तल्ख टिप्पणी की। गुरुवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा ने लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का शर्मनाक काम किया। उन्होंने (भाजपा) पुरजोर कोशिश की कि तीन पार्टियों (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) का गठबंधन सरकार न बना पाए। इतना ही नहीं, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी वही किया, जैसा उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने निर्देश दिया। सोनिया ने यह भी कहा कि राज्यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने का जो फैसला लिया, उसे कतई सही नहीं कहा जा सकता।
राज्यपाल कोश्यारी ने 23 नवंबर को सुबह 8 बजे भाजपा के देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और राकांपा के अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी। इससे पहले तड़के 5:17 बजे राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया था। राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 26 नवंबर को पहले अजित, इसके बाद फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया था।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘‘महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना का चुनाव पूर्व गठबंधन इसलिए कायम नहीं रह पाया, क्योंकि भाजपा को घमंड और अति आत्मविश्वास हो गया था। उन्होंने हमारे गठबंधन को हर तरह से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। हमने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। इसके बाद मोदी-शाह की सरकार का पर्दाफाश हो गया। मैं भरोसा दिलाती हूं कि तीनों पार्टियों ने एकजुट होकर भाजपा के इरादों को नाकाम कर दिया।’’ कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी के सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसद मौजूद थे।
सोनिया ने अपने संबोधन में यह भी कहा, ‘‘यह साफ हो चुका है कि मोदी-शाह की सरकार शालीनता के मामले में दिवालिया हो चुकी है। केंद्र सरकार इस मामले में भी नाकाम रही है कि देश की समस्याओं को हल कैसे किया जाए। इस समय देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है। विकास दर लगातार नीचे जा रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है और निवेश भी नहीं हो रहा।’’
‘‘अर्थव्यवस्था में गिरावट के चलते किसान, दुकानदार और छोटे-मंझोले व्यापारी तनाव में हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चीजों का उपयोग घट रहा है, निर्यात में ही गिरावट आई है। खाद्य वस्तुओं के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है, नतीजतन लोगों की क्रयशक्ति घटी है। इन समस्याओं से निपटने के बजाय मोदी-शाह सरकारआंकड़ों कोउलटफेर करने में व्यस्त है। बड़ी बात तो ये कि इन आंकड़ों को प्रकाशित भी नहीं किया जा रहा।’’