आपदा पीड़ितों के लिए मसीहा बनकर सामने आईं भावना पांडे, मुहैया कराई राहत सामग्री

देहरादून। हाल ही में उत्तराखंड में अतिवृष्टि की वजह से आई आपदा में भारी जानमाल का नुकसान हुआ। आपदा पीड़ित लोग अभी तक उस खौफनाक मंज़र को भुला नहीं पा रहे हैं। वहीं कुछ सियासी दल आपदा में अवसर तलाशकर राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में घूमकर कईं राजनीतिक दलों के नेता तस्वीरें खिंचवा रहे हैं और आपदा प्रभावितों को आश्वासन देते नज़र आ रहे हैं किंतु इनके दर्द पर मरहम लगाने की जहमत इनमें से कोई दल उठाना नहीं चाहता।
वहीं ऐसे में जनता कैबिनेट पार्टी की केंद्रीय अध्यक्ष एवँ प्रसिद्ध समाजसेवी भावना पांडे आपदा पीड़ितों के लिए मसीहा के रूप में सामने आईं और आपदा पीड़ितों को तत्काल मदद मुहैया कराई।
आपको बता दें कि जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड सरकार से अधिक एवं सरकार से पहले पीड़ितों को मदद देने का काम किया है। आपदा की खबर सुनते ही भावना पांडे तत्काल कुमायूं के अलग-अलग घटना स्थलों पर पहुंची और स्थिति का जायज़ा लिया। साथ ही उन्होंने पीड़ितों को ढांढस भी बंधाई।
भावना पांडे के उदार हृदय एवँ कर्मठ व्यवहार का ही परिणाम है कि आज बुजुर्ग उन्हें आशीर्वाद और आमजन स्नेह व सम्मान दे रहा है। पहाड़ की आंदोलनकारी बेटी भावना पांडे सियासी दलों के लिए आज एक बड़ा सिरदर्द बन चुकी हैं। उत्तराखंड की राजनीति में भावना पांडे की दस्तक से विरोधियों की नींदें उड़ चुकी हैं।
गौरतलब है कि जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कुमायूं के बिंदुखत्ता क्षेत्र के आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया जहां आपदा पीड़ितों के दर्द ने उन्हें भीतर तक झकझोर दिया। परिणामस्वरूप उन्होंने पीड़ितों को तत्काल 11-11 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने के साथ ही उन्हें चारपाई, कंबल गद्दे, बर्तन इत्यादि भी उपलब्ध कराए।
बताते चलें कि भावना पांडे की इस दरियादिली को देख पीड़ित परिवारों के आंखों से आंसू छलक पड़े। पीड़ितों की जुबां भावना जी को आशीर्वाद और दुआएं देते नहीं थक रही थीं। इस मौके पर भावना पांडे ने कहा कि उन्होंने भी जीवन में बहुत बुरा समय देखा है। वे भी एक गरीब परिवार में जन्मी थीं किंतु आज वे इस काबिल हैं कि जरूरतमंदों एवँ पीड़ितों की मदद कर सकें। इसके लिए वह अपने माता-पिता और ईश्वर को धन्यवाद देती हैं।
भावना पांडेय ने कहा कि वे हर पीड़ित, गरीब एवं निर्बल वर्ग के साथ खड़ी हैं। यदि भविष्य में भी आवश्यकता हुई तो वे सभी की मदद के लिए तैयार हैं। उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि यदि एक माह के भीतर सरकार आपदा प्रभावित परिवारों को पक्के मकान बनाकर नहीं देती है तो वे पीड़ितों के लिए स्वयं ही मकान बनाकर देंगी।
उन्होंने क्षेत्र की सेंचुरी पेपर मिल के अधिकारियों से भी निवेदन करते हुए कहा कि यदि मिल प्रबंधन को आपदा प्रभावित लोगों की मदद ही करनी है तो वे पीड़ितों को तत्काल पक्के मकान बनाकर दे, महज़ रस्म अदायगी न करें। इस दौरान तालियों की गड़गड़ाहट और भावना पांडे जिंदाबाद के नारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। भावना जी के द्वारा दी गई मदद के बाद हर बिलखता चेहरा मुस्कुराता और सिसकती नम आंखें खुशी से चमकती नज़र आ रहीं थीं।