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अंकिता को इंसाफ दिलाने के लिए बंद के आह्वान को लोगों का समर्थन न मिलने पर भावना पांडे ने जताया अफ़सोस

देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने दिवंगत अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलवाने के लिये किये गए बंद के आह्वान को लोगों का समर्थन न मिलने पर अफ़सोस जाहिर किया है।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि देवभूमि की बेटी दिवंगत अंकिता भंडारी को इंसाफ दिलवाने के लिये 2 अक्टूबर को किये गए बंद के आह्वान को लोगों का समर्थन न मिलना बड़े ही दुःख की बात है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने इस बंद के आह्वान को दिवंगत अंकिता को श्रद्धांजलि के रुप में लेना चाहिए था किन्तु बड़े ही अफ़सोस की बात है कि ऐसा हो न सका।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि ये इस बात का उदाहरण है कि प्रदेश में आज भू-क़ानून की कितनी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में तेजी से बाहरी लोग बसते जा रहे हैं। ये पड़ोसी राज्यों के लोग हमारी बहन-बेटियों के प्रति संवेदनशील कैसे हो सकते हैं। इसीलिए शायद कुछ लोगों ने अंकिता के लिए इंसाफ की मांग को समर्थन नहीं दिया।

जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि बाहरी राज्यों से आये लोग तेजी से हमारे अधिकार छीनते जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि उत्तराखंड को बचाने के लिए और देवभूमि की बहन-बेटियों की रक्षा के लिए हम सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है। यदि हम अभी भी नहीं जागे तो कल बहुत देर हो जाएगी।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड की बेटियों की रक्षा के लिए वे जल्द ही एक टीम का गठन करने जा रहीं हैं। उनकी ये टीम प्रदेश में संचालित किये जा रहे अवैध रिसॉर्ट्स, स्पा सेंटरों व होमस्टे पर नज़र रखेगी। उन्होंने उत्तराखंड के समस्त युवाओं से इस टीम में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ये एकजुट होने का वक़्त है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा कि आपसी मतभेद भुलाकर उत्तराखंड के हित के लिए संगठित हों और बहन-बेटियों की रक्षा के लिए आगे आएं।

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