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भूस्खलन की चपेट में आईं दो बसें, कई यात्रियों की मौत
शिमला। हिमाचल प्रदेश में हिमाचल रोडवेज की दो बसों के मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर बादल फटने के कारण भीषण भूस्खलन की चपेट में आने से आठ यात्रियों की मौत हो गयी वहीं 22 अन्य लोगों के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है। हिमाचल परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि बीती रात हुई दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 हो सकती है। एक बस मनाली से कटरा और दूसरी मनाली से चम्बा जा रही थी।
विशेष सचिव (आपदा) डीडी शर्मा ने बताया कि बीती रात ये बसें जब कोटरूपी में जलपान के लिये रुकी थीं तभी यह दुर्घटना हुई। भूस्खलन में पूरा मार्ग बह गया और बसें करीब 800 मीटर गहरी खाई में जा गिरीं। जिनमें से एक बस मलबे के नीचे पूरी तरह से दब गई हैं और इसका कोई अता पता नहीं है। बसों में यात्रियों की संख्या 30 और 40 के बीच होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही एडीएम घटनास्थल के लिये रवाना हो गये। उन्होंने बताया कि सेना तथा एनडीआरएफ का दल घटनास्थल पर पहुंच गया है और पुलिस, प्रशासन एवं स्थानीय लोगों के साथ उन्होंने बचाव अभियान शुरू कर दिया है।
महानिरीक्षक सेन्ट्रल रेंज एवं उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक घटनास्थल पर मौजूद हैं। पुलिस महानिदेशक सोमेश गोयल ने बताया कि प्राथमिक सूचना के अनुसार मनाली-कटरा वॉल्वो बस में आठ यात्री जबकि अन्य बस में 47 यात्री थे। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को घटनास्थल पर ही पोस्टमॉर्टम की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक आठ शव बरामद किये गये हैं जिनमें चम्बा डिपो बस का चालक और कंडक्टर क्रमश: चंदन शर्मा एवं सतपाल भी शामिल हैं। हिमाचल में यह ऐसी तीसरी घटना है। इससे पहले वर्ष 1988 में शिमला जिले में मटियाना के निकट भूस्खलन की चपेट में आने से 45 यात्री जमींदोज हो गए थे और 1994 में कुल्लू जिले के लुग्गर हाटी में एक अन्य हादसे में 42 लोग दफन हो गये थे।