तेजी से बढ़ रही है आज़ाद अली की सक्रियता, आखिर क्या है उनकी बैठकों का राज़?

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं प्रसिद्ध जनसेवी आज़ाद को कौन नहीं जानता। वे किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। जनसेवा एवं सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर शिरकत कर उन्होंने समाज में अपना एक अलग मुकाम बनाया है। यही वजह है कि सहसपुर क्षेत्र समेत पूरे जनपद में लोग उन्हें बेहद पसंद करते हैं।
अपनी इसी विनम्र और उदार छवि के चलते आजाद अली जनता के बीच जाकर बैठकें कर रहे हैं और क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को सुन रहे हैं। यही नहीं लोगों की समस्याओं के निवारण के लिए अपने स्तर से प्रयास भी कर रहे हैं। आज़ाद अली की इसी सेवाभावना के चलते देहरादून की जनता के बीच उनकी लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ती जा रही है।
जहाँ एक ओर आज़ाद अली की विनम्र छवि के चलते उनका जनाधार बढ़ता जा रहा है तो वहीँ उनके विरोधियों के पेशानी पर बल पड़ने भी शुरू हो गए हैं। आज़ाद अली की बैठकों और बढ़ती सक्रियता को देख उनके विरोधियों द्वारा विभिन्न तरह की अटकलें और कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर आज़ाद अली की इन बैठकों का क्या राज़ है? आखिर वे क्या नया करने जा रहे हैं।
कुछ लोगों का मानना है कि वे आगामी निकाय चुनाव में मेयर पद पर चुनाव लड़ने की दावेदारी कर सकते हैं, तो वहीं कुछ ये कहते सुने जा रहे हैं कि आज़ाद भाई 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। वहीं दूसरी ओर आज़ाद अली खामोश रहकर बस अपने लक्ष्य पर ध्यान दे रहे हैं। अटकलों का बाज़ार गर्म है कि वे इस बार कुछ बड़ा करने के इरादे से मैदान में उतरे हैं।
बहरहाल आज़ाद अली कि बढ़ती सक्रियता ने उनके विरोधियों के बीच कई सवालों को जन्म दे दिया है। उनको अपना धुर प्रतिद्वन्दी मानने वाले नेता अब उनकी काट ढूंढने की कवायद में जुट गए हैं मगर उनकी बढ़ती लोकप्रियता और मौजुदा स्थिति को देख फिलहाल आज़ाद अली का तोड़ ढूंढ पाना दूर की कौड़ी ही नज़र आ रहा है।