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बड़ी खबर: देहरादून में रात 10 से सुबह पांच बजे तक रहेगा नाइट कर्फ्यू , स्कूल भी 30 अप्रैल तक बन्द

देहरादून। देशभर में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश मंत्रिमंडल ने देहरादून शहर में रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है।

कैबिनेट ने देहरादून में कालसी और चकराता को छोड़कर, पूरे हरिद्वार जिले, नैनीताल नगरपालिका और हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र में कक्षा एक से 11वीं तक के सभी स्कूलों को 30 अप्रैल तक बंद करने का फैसला किया है। 10वीं व 12वीं के लिए यह फैसला लागू नहीं होगा। मंत्रिमंडल ने त्रिवेंद्र सरकार के गैरसैंण को मंडल बनाने का फैसला भी स्थगित कर दिया है।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 20 प्रस्ताव थे। दो प्रस्तावों पर कैबिनेट ने अपने स्तर पर निर्णय लिया। एक प्रस्ताव स्थगित हुआ। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री कैबिनेट में नहीं थे। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी।

इन फैसलों पर लगी मुहर:
– मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना में दो बेटियां होने पर प्रति बेटी साढ़े तीन हजार की किट दी जाएगी, इसमें जच्चा बच्चा दोनों के लिए मेडिकल, सामान और पौष्टिक आहार होगा। 50 हजार महिलाओं को लाभांवित करने का लक्ष्य रखा गया है।
– कोविड के समय में मार्च में तालाबंदी के दौरान सरकार ने कई तरह की रियायतों का फैसला लिया था। ये रियायतें छह महीने के लिए बढ़ा दी हैं। ये फैसला 30 सितंबर तक लागू होगा।
– सितारगंज में प्रस्तावित प्लास्टिक पार्क के लिए भूमि को मंजूरी। 3.23 करोड़ का स्टांप शुल्क माफ।
– राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (सीडा) भी छोटे औद्योगिक क्षेत्र घोषित कर सकेगा, कैबिनेट ने दिया अधिकार।
– तीन साल हर पंचायत को भवन। पहले साल में 400 पंचायतों के भवन बनाए जाएंगे।
– प्रदेश में एक्सरे टेक्नीशियन के 161 पदों को जरूरत के हिसाब दोबारा से निर्धारित किया जाएगा। 
– उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद की एक नियमावली के तहत अगर कोई 12वीं फेल है और व्यावासयिक शिक्षा में वह पास होता है तो अगले साल दोबारा 12वीं की परीक्षा में उसे व्यावसायिक शिक्षा की परीक्षा नहीं देनी होगी।
– कोविडकाल के मद्देनजर अधिप्राप्ति नियमावली में कोई भी काम करने पर पांच से 10 प्रतिशत तक परफार्मेंस सिक्युरिटी देनी होती थी। इसको घटाकर 31 दिसंबर तक तीन प्रतिशत कर दिया गया है। वर्तमान में शुरू हो चुके कामों पर भी यह लागू होगा। इसी तरह से निविदा प्रतिभूति 25 करोड़ पर दो प्रतिशत होती थी, अब कोई बिडिंग चार्ज नहीं लिया जाएगा। 
– अवैध खनन परिवहन भंडारण का निवारण नियमावली में संशोधन प्रस्ताव के तहत मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन। उपसमिति में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह, सुबोध उनियाल और बिशन सिंह चुफाल को किया शामिल।
– जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक के रोपवे के लिए कैबिनेट ने पीपीपी मोड में निजी निवेशक के चयन की अनुमति दे दी है।  
– जमा राशियों घोटाला किया तो जब्त हो जाएगी संपत्ति : केंद्र सरकार ने जमा राशियों के विवाद को लेकर विक्षेप पाबंदी अधिनियम बनाया था। राज्यों को कहा था कि वह नियम बनाएं। उत्तराखंड ने कर्नाटक सरकार के अधिनियम के नियम अपने यहां लागू कर लिए हैं। इसके तहत अगर किट्टी चिट फंड और अन्य मामलों में जमा राशि लेकर कोई भाग जाता है तो ऐसे मामलों में संपत्ति को सीज किया जा सकता है और शिकायत भी की जा सकती है। 2019 में केंद्र सरकार यह कानून लेकर आई थी। 
– आईडीपीएल की भूमि के मूल्यांकन के मामले में मंत्रिमंडल ने बुक एडजस्ट (हिसाब किताब) को मंजूरी दे दी है। पूर्व और वर्तमान में भूमि मूल्यांकन में आ रहे अंतर की वजह से कैबिनेट को यह निर्णय लेना पड़ा।
– महिला प्रौद्योगिकी संस्थान और हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग संस्थान नई टिहरी, एआईसीटीई के सुझाव को स्वीकार कर लिया है।
– ऑफलाइन धान खरीद को नियमित किया जाएगा। मुख्यमंत्री लेंगे निर्णय।
– गेहूं की खरीद में 1975 रुपये एमएसपी तय। 20 रुपये का बोनस मिलेगा।
– किशाऊ बांध परियोजना की डीपीआर और तकनीकी अध्ययन के लिए एक करोड़ रुपये मंजूर।
– पीएम स्वनिधि वेंडर योजना में स्टांप डयूटी माफ। 10 हजार के लोन पर दशमलव पांच प्रतिशत स्टांप डयूटी लगती थी।

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