बीजेपी और शिवसेना के बाद अब एनसीपी को मिला सरकार बनाने का न्योता
मुंबई। महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के 18 दिनों बाद भी सत्ता की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा, शिवसेना के बाद तीसरे सबसे बड़े दल राकांपा को सरकार बनाने का न्योता दिया। राज्यपाल से सोमवार रात मुलाकात के बाद राकांपा नेताओं ने यह जानकारी दी। भाजपा के इनकार के बाद शिवसेना को न्योता दिया गया था। उद्धव की पार्टी ने तय समय सीमा सोमवार 7:30 बजे से पहले सरकार बनाने की इच्छा जाहिर की। लेकिन, राजभवन के बाहर आकर शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने सरकार बनाने के लिए 2 दिन का वक्त मांगा था, लेकिन वह हमें नहीं मिला। उन्होंने यह कहकर सस्पेंस बढ़ा दिया था कि मुझे नहीं मालूम कि आगे क्या होगा। महाराष्ट्र में सरकार बनेगी या राष्ट्रपति शासन लगेगा। आदित्य ने यह भी कहा था कि हमारा दावा अभी खत्म नहीं हुआ है।
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शिवसेना-राकांपा विधायकों की बैठक
शिवसेना और राकांपा ने सोमवार अपने विधायकों की बैठक बुलाई। शिवसेना विधायक जहां राकांपा और कांग्रेस के सहयोग से सरकार गठन के पक्ष में दिखे। वहीं, राकांपा विधायकों ने भी शिवसेना के विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने पर हामी भरी। हालांकि, राकांपा ने साफ कर दिया कि कांग्रेस की बैठक में जो भी फैसला होगा, उसी के आधार पर हम आगे बढ़ेंगे।
अरविंद सावंत का इस्तीफा, कांग्रेस-राकांपा की शर्त पूरी
शिवसेना को समर्थन देने के लिए रविवार को राकांपा और कांग्रेस ने शर्त रखी थी कि वह एनडीए से बाहर आए। इसी क्रम में मोदी कैबिनेट में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत ने इस्तीफा दे दिया और शर्त पूरी कर दी। सावंत ने कहा- दिल्ली में झूठ का माहौल है और ऐसी सरकार में रहने का क्या फायदा।
उद्धव-पवार की होटल में मुलाकात
अरविंद सावंत के इस्तीफे के बाद ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सत्ता गठन की कवायद तेज कर दी। उन्होंने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से होटल में मुलाकात की और उनसे सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा।
सोनिया की कांग्रेस नेताओं से दो बार बैठक
महाराष्ट्र के सियासी हालात को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो बार कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की। सोनिया गांधी ने सोमवार शाम दिल्ली में सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों से फोन पर बात भी की।
उद्धव ने सोनिया से फोन पर बात की
कांग्रेस की पहली बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत की और उनसे समर्थन मांगा। इसके बाद खबरें आईं कि कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने पर हामी भर दी है।
आदित्य ठाकरे राज्यपाल के पास दावा करने पहुंचे
सोनिया-उद्धव में बातचीत के बाद आदित्य ठाकरे और एकनाथ शिंदे राज्यापाल के पास सरकार बनाने की इच्छा जाहिर करने पहुंचे। हालांकि, आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से दो दिन का वक्त मांगा था जो हमें नहीं मिला। हमारा दावा खारिज नहीं हुआ है। हालांकि, उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में क्या होगा, यह मैं नहीं जानता।
राजभवन ने बताया कि शिवसेना ने समर्थन पत्र दाखिल करने के लिए 3 दिन का वक्त मांगा था और यह समय देने से उन्हें इनकार कर दिया गया।
सरकार गठन पर सस्पेंस, सोनिया-शरद में कल होगी बातचीत
आदित्य की राज्यपाल से मुलाकात के बाद कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया कि हमने अभी समर्थन पर कोई फैसला नहीं किया है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने बयान जारीकर स्पष्ट कर दिया है कि महाराष्ट्र के हालात को लेकर हमने अपने नेताओं से बातचीत की है। हमने शरद पवार से भी बात की। अब सोनिया गांधी मंगलवार को शरद पवार से बातचीत करेंगी। वहीं,भाजपा नेता सुधीर मुंगंटीवार ने कहा- भाजपा कोर टीम की बैठक हुई। महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई। इस आधार पर भाजपा फिलहाल इंतजार करने और देखने की नीति अपनाएगी।
राकांपा ने कहा- सरकार बनाने का दावा करने की बातें गलत
राकांपा के नेता अजीत पवार ने कहा- राज्यपाल का फोन आया। उन्होंने साढ़े आठ बजे मिलने बुलाया। उन्होंने क्यों बुलाया, यह नहीं जानते। पवार ने स्पष्ट किया कि हम सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, ऐसी बातें गलत हैं।राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा- हमें सरकार बनाने के लिए बुलाया गया है। राज्यपाल के पत्र के बाद हम कांग्रेस से चर्चा करेंगे कि किस तरह राज्य में स्थिर सरकार का गठन किया जा सकता है। हमें आज ही पत्र मिल गया है मगर अंतिम निर्णय हम कल कांग्रेस के साथ चर्चा के बाद लेंगे।
हमने प्रेसनोट में सारी बातें कह दी हैं: कांग्रेस
कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे ने कहा- अभी तक न हमारा न राकांपा का पत्र राज्यपाल कोश्यारी के पास नहीं गया है। यह तय हो चुका है कि दो नेताओं को पवार साहब के पास चर्चा के लिए भेजा जाएगा। राज्य के नेता वहां मौजूद रहेंगे। इसके बाद अगला कदम तय किया जाएगा।कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हम पहले ही प्रेसनोट जारी कर चुके हैं। हमने उसमें वो सारी बातें बताई हैं, जिन पर वर्किंग कमेटी में चर्चा हुई। कांग्रेस अध्यक्ष ने शरद पवार से बातचीत की है। आगे की बातचीत मुंबई में की जाएगी।
भाजपा-शिवसेना 30 साल में दूसरी बार अलग
भाजपा-शिवसेना के बीच 1989 में गठबंधन हुआ था। 1990 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ लड़ा था। 2014 विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दल अलग हो गए थे। दोनों दलों ने चुनाव भी अलग लड़ा। हालांकि, बाद में सरकार में दोनों साथ रहे।भाजपा-शिवसेना 30 साल में दूसरी बार अलग हो रहे हैं।
कांग्रेस 5 साल शिवसेना को परेशान न करे: देवेगौड़ा
जेडीएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि अगर कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देती है तो 5 साल तक उसे परेशान नहीं करना चाहिए। तभी लोग कांग्रेस पर भरोसा करेंगे। बाला साहेब ने महाराष्ट्र में भाजपा को जगह दी। वायपेयी और आडवाणी ने उनके घर जाकर सीटों के लिए गुहार लगाई थी। भाजपा ये भूल गई, इसीलिए उद्धव ठाकरे ने उसे सबक सिखाने का फैसला किया है। अब कांग्रेस और राकांपा भाजपा से नीचे ले जाने के लिए साथ दे।