Breaking NewsHealthNational

महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस का कहर: अब तक 52 लोगों की मौत, 8 को दिखना हुआ बंद

मुंबई। महाराष्ट्र में पिछले साल कोविड-19 फैलने के बाद से अब तक दुर्लभ और गंभीर फंगल संक्रमण म्यूकरमाइकोसिस से 52 लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इनमें से सभी कोविड-19 से स्वस्थ हो गए थे। बता दें कि म्यूकरमाइकोसिस को ब्लैक फंगस के नाम से भी जाना जाता है। कोरोना वायरस से स्वस्थ हो रहे और स्वस्थ हो चुके कुछ मरीजों में यह बीमारी पाई गई है जिससे बाद यह चर्चा का विषय बन गई है। इस बीमारी के मरीजों में सिर में दर्द, बुखार, आखों में दर्द, नाक में संक्रमण और आंशिक रूप से दृष्टिबाधित होने जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं।

‘राज्य में ब्लैक फंगस के 1,500 मामले’

अधिकारी ने बताया कि पिछले साल कोविड-19 शुरु होने के बाद से अब तक म्यूकरमाइकोसिस से महाराष्ट्र में 52 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से सभी कोविड-19 से स्वस्थ हो गए थे लेकिन ब्लैक फंगस के कारण इनकी मौत हो गई। अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर बताया कि पहली बार राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने ब्लैक फंगस के कारण मरने वाले लोगों की सूची बनाई है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा था कि राज्य में ब्लैक फंगस के 1,500 मामले हैं। म्यूकरमाइकोसिस के मामले बढ़ने से राज्य के स्वास्थ्य देखभाल ढांचे पर बोझ बढ़ सकता है जो पहले ही दबाव में है।

Advertisements
Ad 13

ब्लैक फंगस ने बढ़ाईं स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें
टोपे ने कुछ दिन पहले कहा था कि राज्य म्यूकरमाइकोसिस के मरीजों के इलाज के लिए एक लाख एम्फोटेरिसिन-बी फंगस रोधी इंजेक्शन खरीदने के लिए निविदा निकालेगा। ब्लैक फंगस से मरने वाले लोगों की दर अधिक है और इसने स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं जिसने अपने सभी संसाधनों को कोविड-19 से लड़ने में लगा रखा है। अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के मामले बढ़ने और ब्लैक फंगस संक्रमण बढ़ने की रिपोर्टों के बाद राज्य ने आंकड़ें जुटाने तैयार कर दिए हैं। इससे पता चला कि ब्लैक फंगस संक्रमण से 52 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सभी 52 मरीजों की मौत देश में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद हुई।

2020 में हुई थी कम मरीजों की मौत
महाराष्ट्र में इस बीमारी के चलते 2020 में बहुत कम लोगों की मौत हुई थी लेकिन इस साल ज्यादा मौत हुईं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि म्यूकरमाइकोसिस ज्यादातर उन कोविड-19 मरीजों में पाया जाता है जिन्हें मधुमेह है, रक्त में शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव होता रहता है या रक्त में आयरन का स्तर अधिक है। टोपे ने कहा कि कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र और अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इस बीमारी की चपेट में आने की आशंका अधिक होती है। ऐसे मरीजों के इलाज के लिए राज्य सरकार ने 18 मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में अलग वॉर्ड बनाने का फैसला किया है।

8 लोगों को एक आंख से दिखना बंद
टोपे ने कहा कि म्यूकरमाइकोसिस के इलाज में कई विषयों में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है क्योंकि यह फंगल संक्रमण नाक, आंख के जरिए फैलता है और मस्तिष्क तक पहुंच सकता है। महाराष्ट्र सरकार ने माना है कि राज्य में म्यूकरमाइकोसिस के कारण कम से कम 8 मरीजों को एक आंख से दिखना बंद हो गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button