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बुलंदशहर हिंसा: तीन आरोपी गिरफ्तार

मेरठ। बुलंदशहर के स्याना गांव में सोमवार को गौहत्‍या की अफवाह के बाद फैली हिंसा और एक पुलिस अधिकारी के मारे जाने के मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने मंगलवार को बताया कि बुलंदशहर हिंसा के मामले में तीन लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। घटना के शेष नामजद और अज्ञात अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए दबिशें जी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल घटनास्थल वाले क्षेत्र में पूरी तरह शांति है। हालांकि एहतियात के तौर पर वहां पर अतिरिक्त पुलिस तैनात किया गया है।

उन्होंने बताया कि हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इस जांच में यह पता लगाया जाएगा कि हिंसा क्यों हुई और क्‍यों पुलिस अधिकारी इंस्‍पेक्‍टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़कर भाग गए। इस मामले में पुलिस ने कुल 27 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बताया जाता है कि एक आरोपी योगेश राज बजरंग दल का जिला संयोजक है। सोमवार को भीड़ के इस हमले में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत हो गई थी।

एडीजी के मुताबिक, इंस्पेक्टर सुबोध की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उन्हें गोली लगने की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक गोली उनकी बाईं भौंह से होते हुए सिर के अंदर चली गई। उन्होंने बताया कि घटना में मारे गए सुमित पुत्र अमरजीत निवासी चिंगरावठी के शव का भी पोस्टमॉर्टम हो गया है जिसकी रिपोर्ट में उसकी मृत्यु का कारण गोली लगना बताया गया है। इससे पहले आज सुबह दिवंगत सुबोध कुमार को पुलिस लाइन में अंतिम सलामी दी गई। इसके बाद उनके शव को अंतिम संस्‍कार के लिए उनके गृह जनपद एटा के लिए रवाना किया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह के बाद हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी को 40 लाख रुपये और माता-पिता को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने दिवंगत पुलिस अधिकारी के आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन तथा परिवार के एक सदस्य को मृतक के आश्रित के तौर पर सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया।

एडीजी के मुताबिक, सोमवार की सुबह गोवंश के काटे जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। गांव के आक्रोशित लोगों ने रोड जाम कर दिया। महाव और चिगलवाली समेत तीन गांवों के लोग वहां मौजूद थे। ग्रामीणों की शिकायत थी कि खेत में गोवंश के अवशेष पाए गए थे। उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया था लेकिन गांववाले ट्रैक्टर पर अवशेष लादकर ले लाए और मेन रोड ब्लॉक कर दिया। विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस बल ने लाठीचार्ज किया।

उन्होंने बताया शुरूआत में पुलिस से बातचीत के दौरान ग्रामीण सहमत हो गए लेकिन बाद में वे फिर से उत्तेजित हो गए। ग्रामीणों ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया। तीन गांव के करीब 400 लोग वहां मौजूद थे। बवाल के दौरान 15 वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया। कई गाड़ियों को आग लगा दी गई। हमले में इंस्पेक्टर के सिर पर पत्थर लगा। यह पूरा घटनाक्रम दोपहर 12 बजे का है। एडीजी कुमार ने कहा कि गोहत्या के सबूत अभी नहीं मिले हैं। गोकशी के आरोप और हिंसा दोनों की जांच के लिए आईजी मेरठ रेंज की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित की गई है। तीन से चार सदस्य एसआईटी में होंगे।

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