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रंगदारी मांगने के आरोप में पत्रकार समेत दो गिरफ्तार

देहरादून। रंगदारी मांगने के आरोप में देहरादून के सहसपुर थाना पुलिस ने पर्वतजन न्यूज पोर्टल के संपादक शिवप्रसाद सेमवाल को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सेमवाल को शनिवार को अदालत में पेश करेगी। सेमवाल के खिलाफ कई मामले विचाराधीन बताए गए हैं।

सहसपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर, चोरखाला निवासी नीरज राजपूत ने अमित पाल (टाईबो) और पर्वतजन न्यूज पोर्टल के संपादक शिव प्रसाद सेमवाल के खिलाफ अक्तूबर में ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। नीरज ने बताया कि वर्ष 2015-16 में वे अति पिछड़ा कल्याण वर्ग कल्याण परिषद में निदेशक थे।

उस समय अमित पाल उनके संपर्क में आया। बाद में उन्हें पता चला कि अमित ने उनके नाम की आड़ में कई लोगों से नौकरी आदि दिलाने के नाम पर रकम ऐंठी है। उन्होंने पीड़ितों को बुलाकर अमित को उनकी रकम लौटाने को कहा था। इसी बात को लेकर अमित पाल उनसे खुन्नस रखने लगा।

नीरज राजपूत ने बताया कि पंचायत चुनाव में भाभी रूपा देवी लक्ष्मीपुर सीट से प्रत्याशी थीं तो अमित ने उन्हें और परिवार को बदनाम करने की साजिश के तहत 28 अगस्त को फेसबुक आईडी और वाट्सएप पर एक वीडियो डालकर दुष्प्रचार किया। उसी दिन सहसपुर थाने में अमित के खिलाफ तहरीर दी गई। 31 अगस्त को थानाध्यक्ष की मौजूदगी में अमित पाल ने रंजिश में यह सब करने की बात कही। उसके माफी मांगने पर सुलह हो गई। इसी बीच अमित पाल ने नीरज के दोस्त हिमांशु से कहा कि उस पर कई लोगों का कर्ज चढ़ा हुआ है।

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वे अगर उसे ढाई लाख रुपये दे दें तो वह इन सारे वीडियो को डिलीट कर देगा। चुनाव में दुष्प्रचार से बचने को 1.30 लाख का चेक हिमांशु के जरिये अमित को दिया गया। लेकिन, अमित यही नहीं रुका। चुनाव में नुकसान पहुंचाने के लिए नौ अक्तूबर को देहरादून स्थित प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर उसने अनर्गल आरोप लगाए।

हिमांशु ने विरोध किया तो अमित ने इस बार पांच लाख रुपये की डिमांड कर दी। नीरज का आरोप है कि पर्वतजन न्यूज पोर्टल ने अमित से सांठगांठ के चलते बिना आधार झूठी खबरें चलाईं। न्यूज पोर्टल के संपादक सेमवाल से झूठी खबरें प्रसारित न करने का अनुरोध किया तो उन्होंने अमित से बात करने अन्यथा परिणाम भुगतने की धमकी दी।

सहसपुर थानाध्यक्ष पीडी भट्ट ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर 27 अक्तूबर का मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की गई। साक्ष्याें का संकलन कर अमित के आवास पर दबिश दी गई। अमित के लगातार गायब रहने पर उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट के लिए अदालत में प्रार्थनापत्र दिया गया।

जबकि, पोर्टल के संपादक शिवप्रसाद सेमवाल को बयान दर्ज करने के लिए शुक्रवार को थाने बुलाया गया था। एसओ ने बताया कि पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर सेमवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि सेमवाल के खिलाफ पहले भी कैंट कोतवाली में रंगदारी और अन्य स्थानों पर मानहानि के कई मुकदमे विचाराधीन हैं।
आपको बता दें कि शिव प्रसाद सेमवाल का विवादों से पुराना नाता रहा है। 2018 में इनवेस्टर समिट के दौरान सेमवाल पर उद्योगपति गौतम अडानी के वीडियो में छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था। यह वीडियो जांच के लिए चंडीगढ़ भेजा गया था। पिछले साल इनवेस्टर समिट के दौरान उद्योगपति गौतम अडानी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो समिट की व्यवस्थाओं और एयरपोर्ट के पास ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर सरकार की आलोचना करते दिख रहे थे।
वीडियो में ऑडियो बहुत साफ नहीं था, इसलिए नीचे स्क्रॉल चलाकर उसकी बातचीत को पर्दे पर दिखाया जा रहा था। यह वीडियो पर्वतजन पोर्टल पर अपलोड किया गया था। तब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी इस वीडियो को अपनी फेसबुक वाल पर पोस्ट किया था। सरकार ने वीडियो में छेड़छाड़ की बात कहते हुए वायरल हुए वीडियो की जांच के निर्देश दिए थे।
11 अक्तूबर 2018 को सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक रवि बिजरानिया ने कैंट थाने में तहरीर देकर मुख्यमंत्री और अदानी के बीच बातचीत का गलत अर्थ प्रदर्शित करने का आरोप लगाया। मुकदमा दर्ज कराने के बाद पुलिस ने वीडियो जांच के लिए केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला चंडीगढ़ भेजा था।
यदि शिवप्रसाद सेमवाल के करीबियों की मानें तो सेमवाल हमेशा ही शासन और प्रशासन के खिलाफ लिखते आये हैं इसलिए उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। बहरहाल सेमवाल की गिरफ्तारी को लेकर पत्रकारों समेत बुद्धिजीवी वर्ग के लोग अपनी अलग-अलग राय पेश कर रहे हैं।

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