Breaking NewsNational

CM नीतीश ने कहा-घर में चल रही दुकानों को भी अब देना होगा टैक्स

टना सहित बिहार के शहरी इलाकों में जो दुकानें आवासीय मकानों में चल रही हैं उन्हें भी अब टैक्स देना होगा। पहले इन दुकानों के ज्यादातर दुकानदार टैक्स नहीं देते थे।

पटना। राजधानी समेत राज्य के शहरी इलाकों में आवासीय मकान में चल रही दुकानों को भी अब टैक्स देना होगा। ये दुकानें अब टैक्स चोरी नहीं कर पाएंगी। सरकार ऐसे आवासीय मकान और दुकानों पर अलग-अलग टैक्स लेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना नगर निगम के आयुक्त को राजधानी के इलाके में मकानों के उपयोग के आधार पर टैक्स लेने का आदेश दिया है।

जाहिर तौर पर आगे के दिनों में इस व्यवस्था के दायरे में पूरा बिहार आएगा। शहरी इलाकों में आवासीय मकान में दुकानों का संचालन आम बात है। लेकिन ऐसी अधिकतर दुकानें टैक्स दायरे से बाहर हैं। अब दुकानों से व्यावसायिक कर लिया जाएगा।

जल्द होगा ऐसे मकानों का सर्वे

आवासीय नगर आयुक्त अभिषेक सिंह को इस पर अमल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। निगम इसके लिए जल्द ही राजधानी में घरों में चल रही दुकानों का सर्वे कराएगा।

मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए विभाग को अर्बन इंजीनियरिंग ऑर्गनाइजेशन बनाने को कहा है। बैठक में रियल स्टेट एक्ट 2016 और इसके आधार पर बनाए जा रहे बिहार रियल स्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट 2017 के प्रारूप पर भी चर्चा की गई।

नगर विकास के लिए होगी इंजीनियर की स्थायी नियुक्ति

अर्बन इंजीनियरिंग ऑर्गनाइजेशन के माध्यम से शहरी निकायों के लिए इंजीनियरों का अलग कैडर बनाया जाएगा। फिलहाल नगर विकास विभाग दूसरे कार्य विभागों से इंजीनियरों की सेवा प्रतिनियुक्ति के आधार पर लेता है। नई व्यवस्था में नगर विकास विभाग की जरूरत के हिसाब से इंजीनियरों की स्थायी बहाली की जाएगी।

20 करोड़ बढ़ जाएगी पटना निगम की आमदनी

नगर निगम अब घरों के नीचे चल रही दुकानों से भी होल्डिंग टैक्स वसूल करेगा। अबतक कॉलोनियों में दुकान चलाने वाले इससे बच जाते थे। निगम के अधिकारी बताते हैं कि इससे निगम के राजस्व में 20 करोड़ तक की वृद्धि होगी।

लेकिन, निगम के पास संसाधन की कमी होने के कारण टैक्स कलेक्टर आधे घरों तक ही पहुंच पाते हैं। तमाम प्रयास के बाद भी टैक्स कलेक्टरों ने पिछले वर्ष के मुकाबले इसबार सिर्फ 10.85 करोड़ रुपए अधिक वसूल किया है।

होल्डिंग टैक्स वसूली

वर्ष लक्ष्य वसूली (रुपए में)

2015-16 50 करोड़ 34.20 करोड़

2016-17 80 करोड़ 45.05 करोड़

2017-18 100 करोड़ —-

– अभी होल्डिंग टैक्स भरने वाले शहर के 2.10 लाख लोगों में 30% कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और 70 % आवासीय घर के ऑनर हैं।

राजधानी में 4 लाख होल्डिंग 2.10 लाख ही टैक्स दायरे में

पटना नगर निगम में होल्डिंग की संख्या 4 लाख है। इसमें से 2.10 लाख से ही टैक्स मिलता है। निगम ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान होल्डिंग टैक्स वसूलने के लिए एजेंसी रखने का फैसला किया है। 100% टैक्स वसूल करने पर ही एजेंसी को पेमेंट होगा।

समझिए टैक्स के पूरे गणित को

– आवासीय मकानों से 6 से 18 रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से टैक्स की वसूली होती है। कुल क्षेत्रफल को स्थान विशेष की दर से गुणा करने के बाद जो राशि प्राप्त होती है, उसका 9 % टैक्स के तौर पर जमा करना पड़ता है।

– व्यावसायिक मकानों से 18 से 82 रुपए प्रति वर्गफीट के हिसाब से टैक्स वसूला जाता है। कुल क्षेत्रफल को स्थान विशेष की दर से गुणा करते के बाद जो राशि प्राप्त होती है, उसका नौ फीसदी टैक्स के तौर पर जमा करना पड़ता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button