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कोरोनावायरस का खुलासा करने वाले डॉक्टर की मौत, पढ़िये खबर

बीजिंग। चीन में कोरोनावायरस की वजह से मरने वालों का आंकड़ा शुक्रवार को बढ़कर 638 पहुंच गया। एक दिन में ही इस वायरस से संक्रमित 73 लोगों की मौत हुई। नोवेल-कोरोनावायरस का सबसे पहले खुलासा करने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग की भी शुक्रवार को मौत हो गई। वे खुद भी इस वायरस से पीड़ित थे। सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी मौत की खबर पर गुस्सा जताया। लोगों ने मांग की कि अस्पताल के अफसरों को डॉक्टर ली को न बचा पाने के लिए उनके परिवार से माफी मांगनी चाहिए। चीन का ट्विटर कही जाने वाली वीबो साइट पर ‘आई वॉन्ट फ्रीडम ऑफ स्पीच’ (मुझे अभिव्यक्ति की आजादी चाहिए) शुक्रवार को दिन भर ट्रेंड हुआ। हालांकि बाद में सरकार ने ट्रेंड को सेंसर कर दिया।

पुलिस ने डॉक्टर ली से जनवरी के शुरुआत हफ्ते में ही पूछताछ शुरू कर दी थी। दरअसल, उन्होंने 30 दिसंबर को मेडिकल स्कूल में अपने साथियों को इस संक्रमण के बड़े स्तर पर फैलने के बारे में बताया था। उन्होंने इसके खतरे को सार्स (2002) वायरस जैसा बताया था। हालांकि, पुलिस ने उन्हें अपने ही दावे को झूठा बताने के लिए मजबूर किया। उन पर इन दावों को अवैध अफवाह मानने के स्टेटमेंट पर भी साइन कराया गया था।

चीनी कंपनी का खुलासा- वायरस से 25 हजार की मौत

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इसके अलावा इस वायरस से संक्रमितों का आंकड़ा भी 31 हजार पहुंच गया है। हालांकि, गुरुवार को ही इन आधिकारिक आंकड़ों को झुठलाता एक डेटा चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी टेनसेंट की तरफ से लीक हो गया। इसके मुताबिक, चीन में वायरस से 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 1.54 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

यह जानकारी ऐसे समय में लीक हुई है, जब चीन सरकार ने हाल ही में कोरोनावायरस पर गलत जानकारी फैलने वालों के लिए मौत की सजा रखी है। टेनसेंट ने सरकार की सख्ती के बाद वेबसाइट पर डेटा अपडेट कर दिया है। अलीबाबा के बाद टेनसेंट चीन की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। इसके संस्थापक मा हुआतेंग राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी माने जाते हैं।

भारत का प्रस्ताव- पाकिस्तान चाहे तो उसके छात्रों को निकाल सकते हैं
कोरोनावायरस के चलते पाकिस्तान के लोग चीन में फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए उनकी सरकार ने कोई पहल नहीं की है। इस बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यदि पाक सरकार अपने नागरिकों को निकालने के लिए अनुरोध करती है, तो हम उस पर विचार करेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से पूछा गया था कि चैनलों में चीन में फंसे पाकिस्तानी, पीएम मोदी से उन्हें वहां से निकाल कर ले जाने में मदद की गुहार लगाते दिख रहे हैं। इस पर रवीश ने कहा, हमें पाक सरकार से कोई अनुरोध नहीं मिला है।

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