कहीं गंभीर बीमारियों को न्यौता न दें सामान्य इंफेक्शन, जानिए क्या कहती है रिसर्च
जिन्हें आप सामान्य इंफेक्शन समझ रहे हैं वो आगे चलकर कैंसर का कारण बन सकते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, वायरस, बैक्टीरिया और पैरासाइट्स से होने वाला इंफेक्शन कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। लेख में विस्तार से पढ़ें इसे लेकर क्या कहती है रिसर्च।
हाल ही में किए गए एक शोध से यह मालूम हुआ है कि कुछ वायरस, बैक्टीरिया और परजीवियों से होने वाले संक्रमण कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं। शोधकर्ताओं की मानें तो दुनिया में 15 से 20 प्रतिशत कैंसर के मामले संक्रमण से ही विकसित होते हैं। यही नहीं, विकासशील देशों में ये मामले और भी ज्यादा हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि विकासशील देशों में कुछ इंफेक्शन बहुत कॉमन हैं।
इंफेक्शन से होने वाला कैंसर का जोखिम सबमें अलग हो सकता है। जैसे कुछ वायरस सीधे तौर पर कोशिकाओं के अंदर जीन को प्रभावित करते हैं। ये वायरस खुद के जीन्स को कोशिका में सम्मलित कर सकते हैं, जिससे कोशिका नियंत्रण से बाहर हो जाती है और कैंसर का कारण बनती हैं। वहीं, कुछ इंफेक्शन शरीर के किसी हिस्से में लंबे समय तक सूजन का कारण बन सकते हैं। इससे सेल्स और आस-पास के इम्यून सेल्स प्रभावित हो सकते हैं, जो आगे चलकर कैंसर का कारण बनता है।
कुछ इंफेक्शन ऐसे होते हैं, जो शरीर को कैंसर से सुरक्षित रखने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली को दबा सकते हैं। जैसा कि लेख में बताया गया है कि कुछ इंफेक्शन कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में ये इंफेक्शन कैंसर का रूप नहीं लेते हैं। कैंसर का विकास अन्य कारकों से भी प्रभावित होता है। जैसे अगर किसी को हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) इंफेक्शन है, तो उसमें पेट का कैंसर होने की संभावना अधिक होती है लेकिन, आप क्या खाते हैं, धूम्रपान करते हैं या नहीं व अन्य कई कारणों पर निर्भर करता है। बता दें, कैंसर एक से दूसरे में नहीं फैलता है, लेकिन कैंसर के रिस्क को बढ़ाने वाले कई इंफेक्शन एक से दूसरे में फैल सकते हैं।
वायरस जो कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं:
- एपस्टीन बार वायरस (EBV)- इसमें नाक और गले का कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।
- हेपेटाइटिस बी वायरस और हेपेटाइटिस सी वायरस (HBV and HCV)- ये दोनों इंफेक्शन लिवर इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
- ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस (HIV)- यह इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाता है, जिससे शरीर इंफेक्शन से लड़ने में सक्षम नहीं होता है। एचआईवी पेशेंट्स में सर्विक्स, लंग्स, एनस, लिवर और थ्रोट इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है।
- ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPVs)- यह इंफेक्शन ज्यादातर मामलों में सर्विकल कैंसर का कारण बनता है।
- ह्यूमन हर्पिस वायरस 8 (HHV-8)- इसे कुछ दुर्लभ रक्त कैंसर के साथ जोड़कर देखा जाता है।
- मर्केल सेल पोलियोवायरस (MCV)- इसे मर्केल सेल कैंसर का जिम्मेदार माना जाता है।
ऊपर बताए गए वायरस की चपेट में आने से बचने के लिए इंजेक्शन सिरिंज शेयर करने व अनप्रोटेक्टेड सेक्स करने से बचें। इसके अलावा कुछ वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन हैं, उनहें जरूर लगवाएं।
Disclaimer: ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।