Breaking NewsNationalWorld

दुनियाभर में फिर दस्तक दे रहा कोरोना, चीन के शंघाई में अब तक 87 मौतें, अफ्रीका-अमेरिका में भी नए मामले

नई दिल्ली। कोरोना फिर दुनियाभर में पैर पसार रहा है। चीन में हालात बुरे हैं। यहां शंघाई में कोरोना से पिछले 24 घंटे में 39 मौतें हुई हैं, जबकि 21,058 संक्रमित भी मिले हैं। शंघाई में अब मरने वालों की संख्या बढ़कर 87 तक पहुंच गई है। वहीं कोरोना से जर्मनी और फ्रांस में मौतों की संख्या में एक हफ्ते में इजाफा हुआ है। कोरोना का ग्राफ अफ्रीका और अमेरिका में भी तेजी से बढ़ रहा है।

शंघाई में कोरोना से मृतक संख्या संख्या बढ़कर 87 हुई

चीन के शंघाई में कोरोना से अबतक कुल 87 लोगों की मौत हुई हैं, जिनकी औसत आयु लगभग 81 वर्ष थी। नगरपालिका स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को यह जानकारी दी।। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने आयोग के हवाले से कहा कि मृतकों में सबसे बुजुर्ग 101 साल के थे। जिन लोगों का इस महामारी से निधन हुआ है, उनमें गंभीर स्वास्थ्य समस्यां जैसे कि घातक ट्यूमर, कोरोनरी हृदय रोग और उच्च रक्तचाप इत्यादि थी। शंघाई में गंभीर हालत में 157 कोविड मरीज हैं और 18 गंभीर हालत में नामित अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। पिछले 24 घंटों में, शंघाई ने 1,401 स्थानीय रूप से प्रसारित कोविड -19 मामलों और 19,657 स्थानीय असिम्प्टोमटिक मामलों की पुष्टि की।

चीन में कोरोना से मरने वालों की औसत उम्र 79 साल

शंघाई हेल्थ कमीशन के मुताबिक मृतकों की औसत उम्र 79 साल है, जो कुछ न कुछ बीमारियों से पीड़ित थे। मार्च से अब तक शंघाई में 87 मौतें हो चुकी हैं। चीन में कोरोना को लेकर जीरो कोविड पॉलिसी लागू है। बता दें, चीन के वुहान शहर से ही पहली बार कोरोना का मामला सामने आया था।

फ्रांस में 58 हजार और US में करीब 12 हजार नए केस 

वर्ल्डोमीटर की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस में पिछले 24 घंटे में 58,000 और अमेरिका (US) में करीब 12,000 केस मिले हैं। साउथ कोरिया में सबसे अधिक 64,725 नए केस सामने आए हैं। मौत की संख्या की बात करें तो , फ्रांस में 40 और US में 14 लोगों की जान गई है।

82 गरीब देशों में कोविड के वैक्सीनेशन की गति धीमी

पिछले वर्ष के मध्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जून 2022 तक हर देश में कोविड-19 के खिलाफ 70% वैक्सीन लगाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य आगे बढ़ाया था। उसका कहना था कि महामारी के अंत के लिए ऐसा जरूरी है। अब स्पष्ट हो चुका है कि दुनिया लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगी। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कम आय वाले अधिकतर देश लक्ष्य से बहुत पीछे रह जाएंगे। अमेरिकी सहायता बंद होने और सरकारों, दानदाताओं की प्राथमिकताओं में बदलाव की वजह से ऐसा होगा।

वैक्सीनेशन कम होने से नए वैरिएंट का खतरा बढ़ा

अफ्रीका के चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो वैक्सीनेशन अभियान पटरी से उतर गया है। विश्व के सबसे अधिक गरीब 82 देशों में केवल कुछ देशों में 70% वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा हो सका है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी डेटा के अनुसार कई देश तो 20% से नीचे हैं। इसके विपरीत विश्व के दो तिहाई अमीर देशों में 70% वैक्सीन (अमेरिका में 66%) लग चुकी है।

वैक्सीन अभियान अधूरा छूटा तो नया वैरिएंट पनपने की चिंता

विशेषज्ञ कहते हैं, वैश्विक अभियान अधूरा छोड़ने से नए खतरनाक वैरिएंट का उदय हो सकता है। पूर्वी यूरोप और मध्य पू‌र्व सहित विश्व के विभिन्न भागों में अभी हाल के महीनों में वैक्सीनेशन की दर बहुत कम हो गई है। यह लगभग 35 प्रतिशत है। अफ्रीका में 17 प्रतिशत से कम वैक्सीन लगाई गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button