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कोरोना संक्रमण रोकने वाले रसायनों की हुई पहचान, जल्द बन सकती है दवा

टेनिसी। कोरोनावायरस के तेजी से फैलते संक्रमण के कारण वैज्ञानिकों के सामने नई चुनौती है कि उन्हें अपने रिसर्च की रफ्तार संक्रमण के फैलने से ज्यादा तेजी से करनी होगी। इसके लिए वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे तेज सुपर कंप्यूटर समिट की मदद ली है। इसने 77 दवा के कंपाउंड्स (रसायन) पहचाने हैं, जो कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में सक्षम है। इससे वैक्सीन बनाने में मदद मिल सकती है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बेस सुपर कम्प्यूटर 77 केमिकल की पहचान की है, यह कोरोनवायरस को शरीर की अन्य कोशिकाओं में फैलने से रोकते हैं। ऑक रिज नेशनल लैबोरेट्री ने प्रकाशित जनरल में दावा किया था कि इससे तत्काल राहत देने वाली दवा बनाने में मदद मिलेगी। कोरोनावायरस शुक्रवार तक 182 देशों फैल चुका है। इससे अब तक 10 हजार से ज्यादा लोगोंं की मौत हो चुकी है। 2 लाख 44 हजार 979 लोग संक्रमित हैं। राहत की खबर है कि इससे 87 हजार 408 मरीज ठीक भी हुए।

वायरस को रोकने वाले 8000 से ज्यादा यौगिकों की पहचान
टेनिसी स्थित ओक नेशनल लैबोरेट्री के मुताबिक, वायरस बाहरी कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं। समिट का काम ऐसी कोशिकाओं की पहचान करना और इसके बाद दवा से वायरस के फैलने को रोकना है। ओक रिज रिसर्चर मिकोलस स्मिथ ने बताया कि उन्होंने कोरोनावायरस की पहचान करने वाला मॉडल बनाया है। जनवरी में तैयार यह मॉडल बताता है कि कैसे अणु और दूसरे कण दवा के साथ रिएक्ट करते हैं। सुपर कम्प्यूटर ने 8000 से ज्यादा यौगिकों की पहचान की है, ये प्रोटीन वायरस को रोकते हैं। यह संक्रमित कोशिकाओं को रोकने में सक्षम हैं।

DOE Science

@doescience

Scientists have used the most powerful supercomputer in the world, @OLCFGOV at @ORNL, to identify 77 compounds with the potential to block from infecting cells https://www.energy.gov/science/articles/doe-tackling-challenge-coronavirus 

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 दुनिया की समस्‍याओं को सुलझाता है समिट

सुपर कंप्‍यूटर समिट का निर्माण दुनिया की समस्‍याओं को सुलझाने के लिए ही किया गया है। अमेरिका के ऊर्जा विभाग ने वर्ष 2014 में समिट पर काम शुरू किया था। यह सुपर कंप्‍यूटर 200 पेटाफ्लॉप की गणना करने में सक्षम है। यह सबसे तेज लैपटॉप से 10 लाख गुना ज्‍यादा शक्तिशाली है। अब शोधकर्ताओं की टीम समिट पर दोबारा इन 77 रसायनों की जांच करेगी और कोरोना के खात्‍मे के लिए सबसे अच्‍छे मॉडल का निर्माण करेगी।

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