Breaking NewsUttarakhand

चैक बाउंसिंग के मामले में दोषी पाये जाने पर कोर्ट ने सुनाई सजा, जानिए पूरा मामला

देहरादून। चैक बाउंसिंग के मामले में दोषी पाये जाने पर कोर्ट ने आरोपी शख्स को सजा सुनाई है। कोर्ट ने मजबूत साक्ष्यों के आधार पर आरोपी शख्स को अपराध का दोषी करार दिया और सज़ा सुनाई। कोर्ट ने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता अमित त्यागी की ओर से प्रस्तुत किये गए बयानों और सबूतों के मद्देनजर ये फैसला सुनाया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इलाईट पेनल्स के प्रबन्धक कुलविन्दर सिंह, निवासी-लेन संख्या 2, बी ब्लॉक, मंदाकिनी विहार, सहस्रधारा रोड, देहरादून द्वारा 20-08-2019 को थाना कोतवाली, जिला देहरादून में शिकायत दर्ज करवाई कि परिवादी इलेक्ट्रोनिक पार्टस बनाता है और अभियुक्त हेमन्त कुमार मै0/ प्रबन्धक हेमन्त इलेक्ट्रिकल वर्क्स, निवासी-90/84, डीएल रोड, देहरादून ने परिवादी से मु0 20,000/-रूपये का सामान खरीदा था, जिसके एवज में परिवादी को एक चैक सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया शाखा-अरविन्द मार्ग, देहरादून का चैक संख्या 035398 दिनांकित 10.06.2019 मु0 20,000/-रू0 इस आश्वासन के साथ दिया कि चैक को बैंक में लगायेंगे, आपको भुगतान हो जाएगा। प्रार्थी द्वारा चैक को अपने बैंक में प्रस्तुत किया तो चैक ’’अपर्याप्त निधि’’ के कारण अनादृत हुआ। अभियुक्त को दिनांक 08.07.2019 को चेक बाउंस होने की सूचना रजिस्टर्ड डाक से नोटिस अधिवक्ता अमित त्यागी द्वारा प्रेषित किया गया, जो कि अभियुक्त पर तामील हो गया, परन्तु अभियुक्त द्वारा परिवादी को भुगतान नहीं किया गया। अतः अभियुक्त का उक्त कृत्य धारा-138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के अन्तर्गत आता है जो कि दण्डनीय अपराध है।

परिवादी द्वारा धारा-200 दं0प्र0सं0 एवं 202 दं0प्र0सं0 के तहत प्रस्तुत मौखिक साक्ष्य एवं दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर न्यायालय द्वारा दिनांक 13.12.2019 को आदेश पारित कर अभियुक्त हेमन्त कुमार द्वारा प्रबन्धक मै0 हेमन्त इलेक्ट्रीकल वर्क्स को धारा-138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के अपराध के विचारण हेतु न्यायालय तलब किया गया।

केस की सुनवाई आफिया मतीन ए0सी0जे0एम0/षष्टम अपर सीनियर सिविल जज की कोर्ट में की गई। जहां परिवादी के विद्वान अधिवक्ता अमित त्यागी द्वारा अभियुक्त हेमन्त कुमार मै0/प्रबन्धक हेमन्त इलेक्ट्रिकल वर्क्स के विरूद्ध बाउंस को लेकर मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत किये गये। वहीं वचाव पक्ष के अधिवक्ता गौरव त्रिपाठी ने अभियुक्त हेमन्त कुमार के पक्ष में जिरह की। दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं के बीच कोर्ट में अलग-अलग तिथियों में हुई बहस एवं प्रस्तुत ठोस साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने अभियुक्त हेमन्त कुमार को अपराध का दोषी पाया।

कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुए दोषसिद्ध हेमन्त कुमार को आरोपित अपराध धारा 138, परक्राम्य लिखत अधिनियम के अन्तर्गत, 1 माह (एक माह) के साधारण कारावास की सजा तथा मु0 30,000/-(तीस हजार) रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया व अर्थदण्ड की धनराशि में से मु0 25,000/-रुपये प्रतिकर (Compensation) के रुप में परिवादी को अदा किए जाने का आदेश पारित किया। शेष धनराशि मु0-5,000/-रुपये राजकोश में अर्थदण्ड के रुप में जमा की जायेगी। अर्थदण्ड की धनराशि जमा न करने की दशा में अभियुक्त एक सप्ताह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भोगेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button