डीएवीपी में सूचीबद्ध किये जा सकते हैं न्यूज पोर्टल्स!
नई दिल्ली। विश्व भर में तेज़ी से उभरते हुए वेब मीडिया, जिसे न्यू मीडिया के नाम से भी जाना जाता है लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाता जा रहा है और अब इस कड़ी में एक नया मुक़ाम जुड़ने जा रहा है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही न्यूज़ पोर्टल को सरकारी सहायता मिल सकती है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जल्द ही डीएवीपी में न्यूज वेबसाइट/न्यूज़ पोर्टलों का वर्गीकरण हो सकता है। ज्ञातव्य हो कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का संदेश दूरगामी लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। वहीं वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पेश करते हुए कहा कि भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप हब बन गया है।
गोयल ने कहा कि भारत अब दुनिया में मोबाइल डेटा का सर्वाधिक उपयोग करने वाला देश बन गया है। उन्होंने कहा कि आगामी पांच वर्ष के दौरान एक लाख गांवों को डिजिटल बनाया जाएगा। देश में तीन लाख जन सुविधा केन्द्रों (सीएससी) के विस्तार के जरिये इस लक्ष्य को हासिल किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि अब दुनिया में भारत में सबसे सस्ते मोबाइल टैरिफ उपलब्ध है, भारत अब दुनिया में मोबाइल डेटा के उपयोग के मामले में विश्व में अग्रणी है। सरकार के इस आकड़ो पर नेशनल वेब मीडिया एसोसिशन ने केंद्रीय सूचना एवम प्रसारण मंत्री से मांग की है कि डीएवीपी में न्यूज वेबसाइट/न्यूपोर्टलस को वर्गीकरण किया जाना चाहिये।
जिससे छोटी, मध्यम न्यूज वेबसाइट भी डीएवीपी के इम्पनलमेंट में आ सके, और एक कल्याणकारी सरकार का दूरगामी संदेश जाए। वर्तमान नीति को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि न्यूज वेबसाइट/न्यूज़ पोर्टल्स की नीति छोटी और मध्यम के लिये नही है। इससे ग्रासरूट तक सरकार की कल्याणकारी योजनाएं नही पहुच पा रही है। ऐसे में यदि सरकार मांगों को मान लेती है तो शीघ्र ही डीएवीपी में न्यूज वेबसाइट/न्यूज़ पोर्टलों के सूचीबद्ध होने का रास्ता खुल सकता है।