देहरादून के इन स्कूलों को जारी हुआ नोटिस, ये है वजह
देहरादून। उत्तराखंड शासन द्वारा कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए 12वीं तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल में छुट्टी करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद स्कूल खोलने पर कुछ स्कूलों को नोटिस भेजा गया है। राजधानी देहरादून के छह स्कूल प्रबंधकों को शिक्षा विभाग ने नोटिस भेजा है।
ब्राइटलैंड, एन मैरी, दून सरला, डीडी स्कूल, कैस्पर स्कूल और फ्यूचर एरा को नोटिस जारी किया गया है। मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली ने कहा कि अब अगर किसी ने विद्यालय खोला तो मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
वहीं दूसरे देशों से प्रशिक्षण लेकर लौटे देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के 62 ट्रेनी आईएफएस अफसरों की डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम ने स्वास्थ्य जांच की। चार ट्रेनी अफसरों में खांसी जुकाम के लक्षण मिलने पर उन्हें कोरोना संदिग्ध मानकर सैंपल जांच के लिए हल्द्वानी भेज दिए गए हैं।
आईआईटी रुड़की के एक छात्र को कोरोना वायरस में संदिग्ध मानकर अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती किया है। बताया गया कि छात्र तीन मार्च को जापान से लौटकर आया था। मूलतः छात्र राजस्थान का निवासी है। सीएमओ डॉक्टर सरोज नैथानी ने बताया सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।
बृहस्पतिवार देर शाम और शुक्रवार को फीनलैंड, स्पेन और रूस आदि देशों से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के 62 ट्रेनी अफसर प्रशिक्षण लेकर देहरादून लौटे। बाहरी देशों से आने की वजह से संस्थान ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी। सीएमओ डॉ. मीनाक्षी जोशी के निर्देश पर कोरोना के जिला नोडल अफसर डॉ. दिनेश चौहान डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की टीम के साथ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी पहुंचे।
डॉ. दिनेश चौहान ने बताया कि विदेश से लौटे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के 62 ट्रेनी अफसरों के स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की गई। जिनमें से चार ट्रेनी आईएफएस अफसरों को कोरोना संदिग्ध मानते हुए सैंपल जांच के लिए डॉ. सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी जांच के लिए भेजा है।
कोरोना संक्रमण की दहशत के बीच मीट और चिकन के कारोबार में भी मंदी की खबरें आ रही हैं। लोगों में यह बात भी फैल रही है कि मीट चिकन खाने से भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है, जबकि डॉक्टर इस तरह के किसी तरह के वैज्ञानिक प्रमाण होने की बात से इंकार कर रहे हैं।
टर्नर रोड स्थित वेलमेड अस्पताल के वरिष्ठ सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक कुमार वर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण सांस द्वारा फैलने वाला रोग है। इस बात का अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि मीट चिकन खाने से कोरोना का संक्रमण फैलता है। कच्चा मांस खाने से जरूर दूसरी बीमारियां हो सकती हैं, लेकिन इससे कोरोना संक्रमण होने की बात किसी वैज्ञानिक अध्ययन में सामने नहीं आई है।
खांसते और छींकते समय जो कण हमारे मुंह या नाक से निकलते हैं, यदि कोई दूसरा व्यक्ति उनके संपर्क में आता है या सांस द्वारा यह कण दूसरे के शरीर में पहुंचते हैं तो कोरोना संक्रमण की आशंका रहती है।
डॉ. विवेक कुमार के मुताबिक, खांसने या छींकने से वायरस जब हाथ, रुमाल, तौलिये, मास्क या किसी दूसरे कपड़े आदि की सतह पर पहुंचते हैं तो वे 12 घंटे तक जीवित रह सकते हैं। दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से यह वायरस उन्हें भी संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए इसे लेकर सतर्कता बरतने व हाथ और कपड़े को धुलना जरूरी है। हाथ धोने के लिए सेनेटाइजर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।