पैट्रोलपंप संचालकों की मनमानी चरम पर
देहरादून। नरेन्द्र मोदी सरकार के द्वारा बीती रात से देशभर में 500 और 1000 के नोटों पर पाबंदी लगाने की वजह से देशभर में हड़कम्प मच गया।आनन-फानन में लोग अपने 500 और 1000 के नोटों को बदलने और खर्च करने बाहर निकले तो उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
ऐसी आपातकालीन स्थिति में केन्द्र सरकार ने पैट्रोल पंप और टोल नाकों को इस प्रतिबंध से मुक्त रखते हुए 500 और 1000 के नोट लेने की अनुमति प्रदान की हुई है किन्तु सरकार के इस निर्णय का नाजायज फायदा उठाते हुए पंप संचालक खुलेआम जनता का शोषण कर रहे हैं।
इसी का ताजा उदाहरण देहरादून में देखने को मिल रहा है।
दून में पैट्रोल पंप संचालकों की मनमानी चरम पर है। पंप कर्मी 500 और हजार रुपये से कम कीमत में तेल भरने को तैयार नहीं हैं बावजूद इसके पंपो के बाहर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।
दून के निरंजनपुर माजरा में तो पंप स्वामी द्वारा खुलेआम लोगों को 500 रुपये से कम कीमत में तेल देने से मनाकर उन्हें बैरंग लौटाया जा रहा है। कमोबेश यही आलम देहरादून के अन्य पंपों पर भी देखने को मिल रहा है।
और उस पर सितम ये कि ऐसे में भी पंपकर्मी अपनी कारसतानियों से बाज नहीं आ रहे हैं। इनके द्वारा मशीन में बगैर नम्बर फीड किये अंदाजे से ही वाहनों में तेल भरा जा रहा है। जानकारों के अनुसार ऐसे में ये कर्मी मशीन के मीटर में अंकित होने वाली निर्धारित धनराशि पूरी होने से पहले ही पंप का लीवर दबा देते इस वजह से मशीन में तो धनराशि पूरी अंकित नजर आती है किन्तु तेल लीवर दबाते ही वापस लौट जाता है।
देहरादून में पेट्रोल पंप संचालकों द्वारा ये खेल बड़े पैमाने पर खेला जा रहा है जिससे देहरादून की जनता को नुकसान उठाना पड़ रहा है वहीं पंप संचालक मासूम जनता को ठगकर व उन्हें मूर्ख बनाकर चाँदी काट रहे हैं। आम जनता जागरुकता के अभाव में ठगी का शिकार होने को विवश है ।
बहरहाल इन पैट्रोल पंप संचालकों द्वारा आम जनता का शोषण धड़ल्ले से जारी है।