जानिए गूगल पर क्यों लगा 1.7 अरब डॉलर का जुर्माना

ब्रसेल्स। यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिहाज से अनुचित व्यवहार करने को लेकर 1.49 अरब यूरो (1.68 अरब डालर) का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना आनलाइन विज्ञापन में अपनी मजबूत स्थिति के दुरूपयोग को लेकर लगाया गया है।
यह तीसरा मौका है जब आयोग ने गूगल पर प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन को लेकर जुर्माना लगाया है। यूरोपीय संघ की प्रतिस्पर्धा आयुक्त मारग्रेट वेस्टैगर ने बुधवार को ब्रसेल्स में संवाददाता सम्मेलन में गूगल के एडसेंस विज्ञापन कारोबार की लंबे समय से चल रही जांच के परिणाम के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच से यह पता चलता है कि कैसे गूगल ने एडसेंस प्लेटफार्म की जगह ब्रोकरों का उपयोग कर रहे वेबसाइटों को रोकने के लिये अपनी मजबूत स्थिति का दुरूपयोग किया।’’ आयोग ने पाया कि गूगल तथा उसकी मूल कंपनी अल्फाबेट ने ईयू के प्रतिस्पर्धा निरोधक नियमों का उल्लंघन किया। कंपनी ने एडसेंस का उपयोग करने वाली वेबसाइटों के साथ अनुबंध में प्रतिबंधात्मक उपबंधों का उपयोग किया।
इसके जरिये गूगल के प्रतिद्वंद्वी कंपनियां अपने विज्ञापन इन वेबसाइटों पर देने से रोका गया। माइक्रोसाफ्ट ने ईयू प्रतिस्पर्धा आयोग के पास 2009 में इसकी शिकायत की थी और आयोग ने 2016 में इसकी औपचारिक जांच शुरू की। पिछले साल वेस्टैगर ने कंपनी की एंड्रायड परिचालन प्रणाली की जांच के बाद 4.34 अरब यूरो (5 अरब डालर) का जुर्माना लगाया। वहीं 2017 में ‘आनलाइन शापिंग सर्च’ परिणाम से जुड़े मामले में 2.42 अरब यूरो का जुर्माना लगाया था।