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दिल्ली अग्निकांड: अवैध और छोटी फैक्ट्रियों से भरा हुआ है पूरा इलाका

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के जिस अनाज मंडी इलाके में रविवार सुबह भीषण आग लगी, वहां की गलियां काफी संकरी हैं। जिस फैक्ट्री में आग लगी है वह रिहायशी इलाके में अवैध तरीके से चल रही थी। बताया जा रहा है कि पूरा इलाका अवैध और छोटी फैक्ट्रियों से भरा हुआ है जिसे न तो एनओसी मिली थी और न ही आग बुझाने के इंतजाम किए गए थे।

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इस संकरे इलाके में चारों ओर बिजली के तार हैं। मौके पर पहुंचे चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि जब उन्हें आग लगने की सूचना दी गई तो सिर्फ यह बताया गया था कि एक बिल्डिंग में आग लगी है। घटना के बाद अब तक 50 से अधिक लोगों को वहां से निकाला जा चुका है और उन्हें लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल और लेडी हॉर्डिंग्स हॉस्पिटल में ले जाया गया है। फायर सेफ्टी विभाग ने बताया कि बाजार में यह आग सुबह 5.22 पर लगी, जिसकी सूचना मिलते ही 25 दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है।

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घटना के बारे फायर सेफ्टी अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों को बचाया गया, उनमें ज्यादातर बेहोशी की हालत में थे, कुछ जख्मी भी थे। 500-600 गज के फ्लोर एरिया में यह फैक्ट्री चल रही थी जिसमें ग्राउंड से ऊपर चार मंजिल बने थे। इसमें कई तरह की फैक्ट्रियां चलती थीं। बिल्डिंग में स्कूल बैग बनाने और पैकिंग का काम होता था। फायर सेफ्टी अधिकारी ने कहा, ‘जब हम पहुंचे तो देखा बिल्डिंग बाहर से लॉक थी, लोहे का दरवाजा था।

फायर सेफ्टी अधिकारी ने कहा, अंदर से लोग चिल्ला रहे थे बचाओ-बचाओ। हम लोगों ने गेट तोड़ा और अंदर दाखिल हुए। वहां से लोगों को निकाला और अस्पताल पहुंचाया। इस बड़ी बिल्डिंग में सीढ़ी एक ही थी। अधिकारी ने कहा, ‘हम दरवाजा तोड़ कर अंदर गए। वहां जहरीला धुआं काफी भरा हुआ था। इस वजह से ज्यादातर लोग बेहोशी की हालत में बाहर निकाले गए।’

जिस इलाके में घटना हुई है, वहां पूरे इलाके में लटकते हुए तारों का जाल बिछा हुआ है। इतना ही नहीं, दो मकानों के बीच में गैप भी नहीं है। करीब हर मकान पर नीचे उतरने और जाने का एक ही जीना है। इस वजह से भी लोग आग में फंस गए। यहां रिहायशी और कमर्शियल बिल्डिंग का कोई अंतर नहीं है। अधिकतर घरों में होटल चलता है जहां दिन रात भीड़ भाड़ बनी रहती है।

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