दिल्ली के रिहायशी इलाके में फिर भड़की आग, पढ़िये पूरी खबर
नई दिल्ली। दिल्ली में अनाज मंडी के रिहायशी इलाके में चल रही फैक्ट्री में सोमवार सुबह फिर आग भड़क गई, हालांकि इसे जल्दी ही काबू कर लिया गया। इस फैक्ट्री में रविवार तड़के 5:22 बजे आग लगी थी। इससे इमारत के अंदर सो रहे 59 में से 43 लोगों की मौत हो गई थी। 16 जख्मी हुए। 28 मृतकों की शिनाख्त कर ली गई। इनमें से 25 बिहार के हैं। यह आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री मालिक के पास फायर डिपार्टमेंट की एनओसी नहीं थी। हादसे की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे को भयावह बताया है।
फैक्ट्री मालिक के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज
दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री मालिक रेहान और मैनेजर फुरकान को गिरफ्तार कर लिया है। इनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर 10 साल जेल की सजा हो सकती है। इससे पहले 13 जून 1997 को दिल्ली के उपहार सिनेमा में लगी आग में 59 लोगों की मौत हुई थी।
संकरी गलियों की वजह से रेस्क्यू में देरी
अनाज मंडी घनी आबादी वाला इलाका है। यहां गलियां संकरी हैं।दमकल विभाग के अफसर सुनील चौधरी ने बताया कि संकरी गलियों की वजह से रेस्क्यू के लिए टीम को पहुंचने में देरी हुई। मौतों का आंकड़ा इस वजह से भी बढ़ गया। स्कूल बैग, बॉटल बनाए जाते थे। प्लास्टिक मटेरियल होने की वजह से धुआं ज्यादा हुआ और दम घुटने से लोगों की जान गई। इस इलाके में ज्यादातर फैक्ट्रियों के पास अग्निशमन विभाग का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) भी नहीं है। एक बुजुर्ग ने बताया कि जिस फैक्ट्री में आग लगी, वहां 10-15 मशीनें लगी थीं।
घनी आबादी में एक हजार फैक्ट्रियां, बिजली के तारों का जाल
यहां मौजूद लोगों ने कहा कि इन हालात के लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं। ऐसी करीब एक हजार फैक्ट्रियां और 40 हजार दुकानें हैं। ज्यादातर फैक्ट्रियां अवैध हैं। इस इलाके में संकरी गलियां हैं, जिनमें बिजली के तारों का जाल फैला है। इनके चलते यह इलाका जिंदा टाइम बम जैसा हो गया है। जिस इमारत में आग लगी, उसके हर कमरे में कुछ न कुछ बनाया जाता था। कोई स्कूल बैग बनाता था तो कोई खिलौने। कुछ प्रिंटिंग प्रेस भी हैं। शनिवार को भी इसी इमारत के पीछे स्थित बिल्डिंग में आग लगी थी, लेकिन तब कोई नुकसान नहीं हुआ।