दिल्ली में सामने आया एक और ‘सेक्स आश्रम’
नई दिल्ली। रोहिणी के बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम में पड़े छापे के बाद कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। आश्रम में एक अलग ही दुनिया चल रही थी, जहां लड़कियों को बंधक की तरह रखा गया था, किसी को बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। बाबा का फिलहाल कोई अता-पता नहीं है, लेकिन उसकी हरकतों अब बेपर्दा हो रही हैं। ये हैं आध्यात्मिक विश्वविद्याल की आड़ में चल रहे ‘सेक्स आश्रम’ से जुड़ीं दस बड़ी बातें:
‘मैं हूं शिव, तुम बनो पार्वती’
आश्रम की जांच के लिए जनहित याचिका दायर करने वाले एनजीओ की फाउंडर सीमा शर्मा के मुताबिक, कई लड़कियों ने बताया कि बाबा खुद को शिव बताता था। लड़कियों का ब्रेन वॉश कर दिया जाता था। बाबा लड़कियों से कहता था कि अगर वे उनसे शारीरिक संबंध बनाएंगी तो पार्वती बन जाएंगी और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी।
’12 साल की बच्ची को भी नहीं बख्शा’
आश्रम के खिलाफ केस लड़ रहे एक परिवार की 12 साल की बच्ची बाबा के आश्रम में फंस गई थी। बच्ची को बाबा गलत तरीके से छूता था। बाबा कहता था कि मैं भगवान कृष्ण हूं। जैसे उनके कई रानियां थीं, तुम मेरी रानी बन जाओ।
कई लड़कियों को इलाज की जरूरत
लड़कियों की जांच के बाद डॉक्टरों की टीम ने बताया है कि बंधक बनाकर रखी गईं कई लड़कियों को इलाज की जरूरत है। लड़कियां सहमी हुई हैं, कुछ तो बदहवास हालत में मिलीं। इनमें से कुछ को बेहतर इलाज के लिए आंबेडकर अस्पताल भेजा जा सकता है।
‘आश्रम में सेक्स रैकेट’
सीमा शर्मा के मुताबिक, आसपास के लोगों ने उन्हें बताया कि आश्रम के अंदर तो वे कभी नहीं गए, लेकिन उन्होंने देखा है कि यहां रात को यहां बड़ी-बड़ी कारें आती हैं, लोग भर-भरकर आते हैं और लड़कियां यहां से जाती हुई नजर आती हैं।
‘रात को आती थीं गाड़ियां’
स्थानीय लोगों के मुताबिक, आश्रम में ज्यादातर गाड़ियां रात को 3 से 4 बजे के बीच ही आती थीं। इनमें से ज्यादातर गाड़ियां हरियाणा, मध्य प्रदेश और उड़ीसा की होती हैं। इनमें कई बार राशन भी लाया जाता है।
‘अंडर ग्राउंड रास्ता’
स्थानीय लोगों के मुताबिक एक आश्रम से दूसरे आश्रम तक जाने के लिए स्पेशल अंडर ग्राउंड रास्ता बनाया गया है। लोगों का कहना है कि मेन आश्रम में महिलाएं रहती हैं और दूसरे आश्रम में पुरुष रहते हैं।
अलग ही दुनिया
आश्रम से कोई भी महिला बाहर न जा सके, इसके लिए आश्रम के अंदर ही बिजली मकैनिक, टेलर और धोबी रहते हैं। आश्रम के अंदर एक अलग ही दुनिया है।