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खलंगा वन क्षेत्र को असामाजिक तत्वों की गतिविधियों से बचाने की मांग की

समिति द्वारा यहां सफाई कार्य तथा रायपुर पुलिस के सहयोग से इन तत्वों पर रोक लगाने के प्रयास किए जाते हैं। परंतु ये नाकाफी है। अवांछनीय लोग खलांगा युद्ध स्मारक को क्षतिग्रस्त कर यहां अमर्यादित व्यवहार भी करते है।

देहरादून। साल के पेड़ों से आच्छादित खलंगा वन क्षेत्र को असामाजिक तत्वों की गतिविधियों से बचाने हेतु सुरक्षात्मक कदम उठाने की मांग को लेकर प्रमुख वन संरक्षक (हाफ) डा.धनंजय मोहन तथा पीसीसीएफ (प्रशासन) बीपी गुप्ता से शिष्टमंडल ने मुलाकात की। वनाधिकारियों ने सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया।

खलऺगा वन क्षेत्र की सुरक्षा से चिंतित बलभद्र खलऺगा युद्ध स्मारक समिति के अध्यक्ष कर्नल विक्रमसिंह थापा, दीपक बोहरा, संयुक्त नागरिक संगठन के सचिव सुशील त्यागी, तथा नशामुक्ति अभियान के डॉ. मुकुल शर्मा ने राज्य के उच्च वन अधिकारियों से मिलकर अनुरोध किया कि इस क्षेत्र में छात्र-छात्राएं, युवा वर्ग आकर धूम्रपान, नशाखोरी, मदिरा पान, करके खाना बनाते हैं और यहां खाली पॉलीथिन के बैग, चिप्स के खाली पैकेट, शराब की टूटी बोतले, गिलास आदि का कूड़ा करकट फैला देते हैं।इन प्रवृत्तियों से यहां भविष्य में कभी भी आग लग सकती है। सडे गले कूड़ा करकट से यहां वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है।

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समिति द्वारा यहां सफाई कार्य तथा रायपुर पुलिस के सहयोग से इन तत्वों पर रोक लगाने के प्रयास किए जाते हैं। परंतु ये नाकाफी है। अवांछनीय लोग खलांगा युद्ध स्मारक को क्षतिग्रस्त कर यहां अमर्यादित व्यवहार भी करते है। इसलिए स्मारक की सड़क पर जाने वाले प्रवेश द्वार पर वन विभाग द्वारा बैरियर लगाया जाना जरूरी है। इससे अवांछनीय तत्वों पर रोक लगाई जा सकेगी। समिति के अनुसार यहां सीसीटीवी कैमरा की भी व्यवस्था भी संस्कृति विभाग की ओर से की जा रही है। ‌‌

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