डिप्रेशन की शिकार अभिनेत्री के पास खाने तक को नहीं थे पैसे
मुंबई। बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा ने साल 2011 में लेडीज वर्सेज रिकी बहल से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। ‘इशकजादे’ में वो पहली बार लीड रोल में नजर आई थीं। 22 अक्टूबर 1988 को जन्मीं परिणीति का आज जन्मदिन है। इस मौके हम आपको उनकी जिंदगी का वो किस्सा बता रहे हैं जब उनके पास खाने तक के पैसे नहीं बचे थे।
टॉक शो Tapecast में परिणीति चोपड़ा ने बताया था- ‘साल 2014 से लेकर 2015 का दौर मेरी जिंदगी का सबसे बुरा समय था। ये करीब डेढ़ साल तक ऐसा रहा। मेरी दो फिल्में ‘दावत-ए-इश्क’ और ‘किल दिल’ अच्छा काम नहीं कर सकीं। ये मेरे लिए सबसे बड़ी नाकामयाबी थी। फिर एक दम से मेरे पास रुपए भी नहीं बचे थे।’
परिणीति ने आगे कहा था- ‘मैंने एक घर खरीदा था इसके बाद मेरी जिंदगी और भी बुरे हालात से गुजरने लगी। ऐसा लगने लगा जैसे मेरी जिंदगी के सभी रास्ते बंद हो गए हैं और आगे कुछ अच्छा होने की उम्मीद नहीं थी। इसका नतीजा ये हुए कि मैंने खाना खाना और सोना बंद कर दिया। उस समय मेरा कोई दोस्त नहीं था। मैंने लोगों से मिलना छोड़ दिया। मैंने अपने परिवार तक से संपर्क खत्म कर लिया था। मैं बस रूम में बैठकर टीवी देखती और सोती रहती थीं। मैं बिल्कुल जोंबी बन गई थी।’
‘मैं बहुत बुरी तरह से डिप्रेशन में थी। हर समय बीमार रहने लगी थी। मैं करीब 6 महीने तक मीडिया से भी मुखातिब नहीं हुई थी।’ इस बुरे दौर से निकलने में परिणीति के भाई सहज चोपड़ा और दोस्त संजना ने काफी साथ दिया था। इन दोनों के बारे में बात करते हुए परिणीति ने कहा था- ‘सहज और संजना ने मेरी बहुत सहायता की है। सजह मुझसे हमेशा बात करता था मेरा साथ रहता था मुझे हिम्मात देता था। वहीं संजना और मैं बहुत बात करते थे। वह मेरी बहुत सहायता करती थीं।’
बता दें कि परिणीति विदेश में इन्वेस्टमेंट मैनेजर की जॉब करती थीं। 2009 में आई आर्थिक मंदी के कारण वे इंडिया लौट आईं थी। यहां आकर उन्होंने यशराज फिल्म्स में काम किया था।