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देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लाखों बिहारी, पैदल ही कर रहे घरों का रुख

पटना। कोरोना, संक्रमण और मौत के बीच अपने परिवार से सैकड़ों किमी दूर बिहार के 8 लाख से अधिक लोग फंसे हुए हैं। पूर्ण लॉकडाउन में जब बस-ट्रेन-फ्लाइट सब बंद है, तो हजारों लोग पैदल ही बिहार के अपने गांव-शहरों की तरफ निकल पड़े हैं। इनमें अधिकतर दिल्ली और यूपी के हैं तो कुछ राजस्थान-गुजरात के भी।

किसी को 300 किमी चलना है, तो किसी को 1500, रोजी रोटी का संकट सिर पर है। नंगे पैर, भूखे प्यासे लोग इस आस में चले आ रहे हैं कि वे किसी भी तरह घर पहुंच जाएं। गाजियाबाद में ऐसे ही कुछ मजदूर कहते हैं- ‘अगर हम यहीं रुके रहे तो कोरोना से पहले भूख से मर जाएंगे। मरना ही है तो घर पर परिवार के बीच मरना अच्छा है। वहां हमारी लाश को कंधा देने वाला तो कोई होगा।

21 ट्रकों में ठूंस कर लौटे, ट्रकों पर था सप्लाई पोस्टर

विभिन्न राज्यों से 21 ट्रकों में भरकर सिर्फ शनिवार को लोग बिहार पहुंचे। जिन ट्रकों में ये आए थे उनमें फूड सप्लाई का पोस्टर लगा हुआ था। इनकी थर्मल स्कैनिंग की गई।

लौटे तो 14 दिन परिवार से मिलना खतरनाक

सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक सिंह ने कहा कि घर लौटने वालों को 14 दिन क्वारेंटाइन में रहना होगा। कोई संक्रमित निकला तो परिवार से मिलना खतरनाक होगा।

बिहार के 40 लाख लोग राज्य से बाहर हैं

दूसरे राज्यों में 40 लाख से अधिक बिहारी काम करते हैं। इनमें काफी संख्या में वहीं बस गए हैं। जिन्हें लौटने की जरूरत नहीं पड़ती। विभिन्न राज्यों के श्रम संगठनों की माने तो अभी 10 लाख से अधिक लोग बिहार लौटना चाहते हैं।

6.31 लाख  महाराष्ट्र
14.01 लाख दिल्ली एनसीआर
11.49 लाख पंजाब, हरियाणा
4.03 लाख गुजरात
6.40 लाख कर्नाटक, आंध्र

2011 की जनगणना के अनुसार किस राज्य में बिहार से कितना माइग्रेशन

सलाह – गांव के आसपास स्कूल या कॉलेज में ठहराएं
बिहार के लोगों के लौटने पर राज्य में स्थिति बेकाबू हो सकती है। चिकित्सा विशेषज्ञ इस खतरे को भांपते हुए कई चेतावनी के साथ सरकारी तंत्र को युद्ध स्तर पर काम करने के लिए सुझाव भी दे रहे हैं। पीएमसीएच के सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. बीके चौधरी ने साफ कहा कि जो लोग आ रहे हैं, उनमें एक भी पॉजिटिव हुआ तो वह 110 को संक्रमित करेगा। इन्हें गांव के अासपास स्कूल या काॅलेज में ठहरा देना चाहिए। सबसे बेहतर है 14 दिन इन्हें क्वारेंटाइन में रखा जाए और वहीं भोजन की व्यवस्था कराई जाए। स्टेट नोडल ऑफिसर डॉ. मदनपाल सिंह भी दोहरा रहे कि बिहार लौटने वाले लोगों को 14 दिन क्वारेंटाइन रखना जरूरी है। पुलिस की निगरानी में इनकी व्यवस्था होनी चाहिए।

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