देशभर में अपना काला कारोबार फैलाना चाहता था किडनी रैकेट का मास्टरमाइंड

देहरादून। किडनी सरगना अमित राऊत की काली करतूतों के अध्याय के पन्ने खुलने के साथ आ रही जानकारियां चौंकाने के साथ ही होश उड़ाने वाली हैं। अमित कानून की आंखों में धूल झोंकते हुए देश में किडनी ट्रांसप्लांट के क्षेत्र का सबसे बड़ा नाम बनने की हसरत पाले बैठा था। उसका इरादा देशभर में किडनी ट्रांसप्लांट हॉस्पिटल की चेन खोलने का था। इसी योजना को आगे बढ़ाने के लिए उसने बेटे अक्षय राऊत को मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) भी करा लिया था।
मुंबई में 1995 में पहली बार जेल की हवा खाने के बाद ही किडनी गैंग के मास्टरमाइंड अमित को इस बात का एहसास हो गया था कि अब वह ज्यादा दिन तक अपने काले कारनामों को नहीं चला पाएगा। फिर भी वह गुरुग्राम, दिल्ली और गुजरात में चोरी-छिपे किडनी ट्रांसप्लांट करता रहा। इस धंधे से वह तेजी से रकम जोड़कर संपत्तियां खरीदता रहा। इसी बीच उसने बेटे का एमबीबीएस में दाखिल भी करा दिया। वर्ष 2015 में अमित के बेटे अक्षय ने मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) का कोर्स भी पूरा कर लिया।
पुलिस सूत्र बताते हैं कि इसके बाद अमित जब भी किडनी ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन करता तो अक्षय उसके साथ ऑपरेशन थिएटर में मौजूद रहता, ताकि वह भी ट्रांसप्लांट की बारीकियों को समझ जाए। बेटे की पढ़ाई पूरी होने के बाद अमित को अपना यह सपना पूरा होता दिखने लगा। किडनी के अवैध कारोबार का डॉन बनने की चाहत में पांचवीं बार जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा अमित अपनी मां से बेहद प्यार करता था। मुंबई में उसने मां कौशल्या के नाम पर ही अस्पताल खोला। उसका सपना था कि मां के नाम पर पूरे देश में अस्पताल की श्रृंखला खोलेगा।
किडनीखोर अमित की देश के 19 राज्यों में 1027 संपत्तियों का पता चला है। इनमें सर्वाधिक संपत्तियां 415 आंध्र प्रदेश में हैं। जांच में यह भी सामने आया कि अमित ने उत्तराखंड में पांच साल पहले ही पांव जमाने शुरू किए थे। यहां देहरादून में बलवीर रोड इलाके में उसकी चार अचल संपत्तियां हैं, जिसका कुल रकबा 3380 वर्ग मीटर है। दून की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती ने बताया कि अमित की कई राज्यों में संपत्तियां हैं। इसके अलावा उसने ऑस्ट्रेलिया, ग्रीस, हांगकांग व कनाडा में आलीशान बंगले खरीदे। संपत्ति के बारे में अभी और जानकारी जुटाई जा रही है।