सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने के बावजूद मजबूरन करना पड़ रहा ये काम, पढ़िये पूरी रिपोर्ट
OMG: सिविल इंजीनियरिंग कर चुका एक लड़का क्या जूता सिलने का काम कर सकता है? हर कोई कहेगा कि ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि वो पढ़ा-लिखा है और उसे आसानी से कोई भी अच्छी नौकरी मिल जाएगी। लेकिन तमिलनाडु के शिवगंगा जिले से एक ऐसा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कर चुके कार्तिक ए नौकरी करने की जगह जूते सिलते हैं। जब इस लड़के से पूछा गया कि तुम ऐसा क्यों करते हो तो उसने बताया कि सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद मुझे केवल 4-5 हजार रुपए की नौकरी मिली, जिससे मेरा गुजारा मुश्किल था। ऐसे में उसके पिता का जूता सिलने का व्यवसाय था तो उसने यही काम करना शुरू कर दिया। कार्तिक ए ने बताया कि अगर सरकार मुझे सरकारी नौकरी देती है तो मुझे काफी मदद मिल जाएगी।
ट्विटर यूजर्स कर रहे कार्तिक की लाइफ स्टोरी पर कमेंट
न्यूज एजेंसी एएनआई ने जब से कार्तिक की इस स्टोरी को ट्विटर पर शेयर किया है, तब ये ट्विटर यूजर्स के कमेंट्स की बाढ़ आ गई है। एक ट्विटर यूजर @manishjhalava ने लिखा, ‘यही तो हमारे देश की सबसे बड़ी विडंबना है कि एक इंजीनियर को 4-5 हजार रुपए की नौकरी मिल रही है। इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है।’एक ट्विटर यूजर @Dranandraghuna1 ने लिखा, ‘यही काम आगे चलकर अग्निवीर भी करेंगे।’ @Neel__dhar ने लिखा कि तमिलनाडु की बुरी हालत है सिविल इंजीनियर को 4 हजार सैलरी मिल रही है। कब तक तमिलों को @mkstalin हिंदी भाषा से डराकर राजनीति करते रहेंगे?
@Pankaj39657803 ने कहा कि केवल ग्रेजुएशन कर लेना आज के समय में काफी नहीं है, क्या नंबर मिले और क्या प्रयास किए गए, ये जरूरी है। अपना पैत्रक व्यवसाय करना भी गलत नहीं है। @AatmaNirbhar12 ने कहा कि ऐसे लोग इंजीनियरिंग के नाम पर धब्बा हैं। कुछ 10% इंजीनियरिंग के लोग छोड़ दो तो सारी इंजीनियरिंग ब्रांच में स्ट्रगल है। मैं खुद 1500 रुपए से चालू किया था। कब तक सरकारी के पीछे भागोगे दोस्त।
साभार: एएनआई