Breaking NewsUttarakhand

उत्‍तराखंड के इस क्षेत्र में एक माह बाद आज मनाया जा रहा दिवाली का उत्सव

देहरादून। अपनी अनूठी संस्कृति और रीति रिवाज के लिए विख्यात देहरादून जिले के जनजाति क्षेत्र जौनसार में मंगलवार यानी 22 नवंबर से बूढ़ी दीपावली का पांच दिवसीय कार्यक्रम शुरू हो रहा है। हर घर में पारंपरिक व्यंजन चिउड़ा मूड़ी तैयार की जा रही है।

जौनसार में देश की दीपावाली से एक माह बाद बूढ़ी दीपावली मनाने की परंपरा वर्षों से है। जिसके पीछे तर्क है कि जौनसार बावर में लोगों को श्रीराम के वनवास से लौटने की सूचना एक माह बाद मिली थी। इसलिए क्षेत्र के लोग एक माह बाद दीपावली मनाते हैं।

पटाखे जलाकर प्रदूषण नहीं किया जाता

यहां पर ईको फ्रेंडली दीपावली होती है, पटाखे जलाकर प्रदूषण नहीं किया जाता, यहां सिर्फ भीमल की लकड़ी की मशाल जलाई जाती है, जिसके बाद जश्न शुरू हो जाता है। हालांकि बावर व जौनसार के कुछ गांवों में इस बार देश के साथ दीपावली मनाई गई थी।

हर घर में बनाए गए विशेष व्यंजन चिउड़ा मूड़ी

छुट्टी होने की वजह से नौकरीपेशा परिवार भी अपने पैतृक गांवों को लौटे थे, लेकिन जौनसार के अधिक गांवों में आज भी बूढ़ी दीपावली मनाने की परंपरा बरकरार है। दीपावली के विशेष व्यंजन चिउड़ा मूड़ी हर घर में बनाए गए हैं। घरों को रंगाई पुताई कर सजाया जा चुका है।

विवाहित बेटियों के अपने मायके आने की परंपरा

बूढ़ी दीपावली में मेहमान नवाजी का भी रिवाज है। बूढ़ी दिपावली पर विवाहित बेटियों के अपने मायके आने की परंपरा भी है। पर्व पर पंचायती आंगनों में लोक संस्कृति की छटा भी बिखरती है। क्षेत्र में बूढ़ी दीपावली 22 से 26 नवंबर तक मनाई जाएगी।

साहिया, कालसी व चकराता के बाजारों में रौनक

बूढ़ी दीपावली के चलते साहिया, कालसी व चकराता के बाजारों में भी रौनक है। ग्रामीण गर्म कपड़ों की खरीदारी करते नजर आ रहे हैं। मिंडाल गांव निवासी सुनीता देवी, अमिता देवी, नागो देवी, आकांक्षा नेगी, अमीषा नेगी, अंजलि, मोनिका जोशी, राधिका, स्वाति, दीक्षा आदि का कहना है कि बूढ़ी दीपावली का जश्न मंगलवार से शुरू हो जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button