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दून के हिस्ट्रीशीटर की मुजफ्फरनगर में हत्या, पुलिस ने जताई गैंगवार की आशंका

देहरादून।  उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के हिस्ट्रीशीटर पंकज सिंह की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। पंकज का शव मुजफ्फरनगर में लावारिस खड़ी फॉर्च्यूनर की डिग्गी से बरामद हुआ। पंकज को शुक्रवार रात साथी घर से बुलाकर ले गए थे। पत्नी ने पति की हत्या में जेल में बंद बदमाश जितेंद्र रावत उर्फ जित्ती समेत चार लोगों को नामजद कराया है। दून पुलिस गैंगवार में हत्या की आशंका जता रही है। अपराध की दुनिया में लंबे समय तक सक्रिय रहा पंकज सिंह 2010 में एक साथी की हत्या में जेल गया था।

नेहरू कालोनी थाना क्षेत्र के नत्थनपुर निवासी पंकज सिंह का शव शनिवार सुबह मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में जानसठ बस अड्डे पर पुलिस सहायता केंद्र के बाहर खड़ी काले रंग की फ ॉर्च्यूनर की डिग्गी में मिला। सीओ खतौली आशीष प्रताप सिंह की मौजूदगी में पुलिस ने कार का शीशा तोड़कर शव को बाहर निकाला। कार के अंदर ड्राइवर के बराबर वाली सीट खून से सनी हुई थी। खिड़की से गोली निकलने का निशान था। कार से शराब की बोतल और तमंचा बरामद हुआ है।

खतौली पुलिस ने कार से मिले मोबाइल नंबर से परिजनों से बात की, तब जाकर शव की पहचान हो सकी। पति की हत्या की खबर पर पत्नी अंशु सिंह परिजनों के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई। अंशु ने इस मामले में टिहरी जेल में बंद जितेंद्र रावत उर्फ जित्ती, देहरादून निवासी यतेन्द्र सिंह (मूल निवासी मेरठ), रोजी और रामबीर (मूल निवासी मुजफ्फरनगर) को नामजद कराया है। पत्नी का आरोप है कि जेल से जितेंद्र उसके पति से रंगदारी मांग रहा था। आरोप लगाया कि रोजी ने पति पंकज सिंह को शुक्रवार रात करीब 8:30 बजे फोन करके बुलाया था। खतौली पुलिस ने इस मामले में देहरादून की एसपी सिटी श्वेता चौबे से बात कर पूरे मामले पर चर्चा की है।

एसपी सिटी श्वेता चौबे का कहना है कि पंकज सिंह का अपराध से पुराना जुड़ाव रहा है। प्रापर्टी विवाद में छह मार्च 2010 को पंकज सिंह ने जेल में बंद शातिर अपराधी जितेन्द्र उर्फ जित्ती के साथ मिलकर अपने साथी मुनीर उर्फ बब्बल की हत्या की थी। पंकज सिंह नेहरू कालोनी थाने का हिस्ट्रीशीटर था, लेकिन कई बरस से वह शांत था। पंकज सिंह प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त के साथ रिंग रोड पर गेस्ट हाउस चला रहा था। उन्होंने कहा कि प्रापर्टी विवाद या गैंगवार में कत्ल की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। दून पुलिस हत्या के कारणों की जांच कर रही है।

पंकज सिंह को चार गोलियां मारी गई हैं। तीन गोलियां सीने और एक गर्दन के नीचे मारी गई है। पुलिस मान रही है कि हत्यारे पूरी तैयारी के साथ आए थे। रास्ते में शराब पिलाने के बाद ड्राईवर की बराबर वाली सीट पर बैठे पंकज की हत्या कर दी गई। बदमाशों ने आगे और पीछे दोनों तरफ से उस पर गोलियां चलाईं, ताकि उसे विरोध का मौका ना मिले। कत्ल की घटना के बाद आरोपी कार को पुलिस सहायता केंद्र के बाहर छोड़ गए, ताकि जल्दी से किसी को शक ना हो।

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