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दोपहर में ही बंद हुए चारों धामों के कपाट

देहरादून। रक्षाबंधन के अवसर पर सूतक के चलते गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर के कपाट दोपहर सवा एक बजकर 40 मिनट पर बंद कर दिए गए, देर शाम पांच बजे कपाट खोल जाएंगे। हालांकि, चंद्रग्रहण तक कोई भी यात्री मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं करने दिया। पुजारी भी गर्भगृह से दूर रहे। वहीं देर रात्रि को चन्द्रग्रहण के बाद मंदिर में शुद्धिकरण किया गया।

केदारनाथ मंदिर के कार्याधिकारी अनिल शर्मा ने बताया कि चन्द्रग्रहण के कारण सोमवार को दोपहर सवा एक बजे केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। इसके बाद भोले बाबा को भोग लगाया गया। श्री शर्मा ने बताया कि देर रात्रि लगभग एक बजे चन्द्रग्रहण समाप्त होने पर मंदिर की सफाई व शिव लिंग का शुद्धिकरण किया जाएगा। इसके बाद मंगलवार को नियमानुसार सुबह से भोले बाबा के दर्शन आम भक्त कर सकेंगे।

 

सूतक के चलते दोपहर में बंद किए गए बदरीनाथ धाम के कपाट 

श्री बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने से पहले माणा, बामणी के ग्रामीणों के अलावा पंडा, साधु समाज के अलावा अन्य यात्रियों ने तप्त कुंड में पवित्र स्नान करने के बाद भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। बदरीनाथ धाम में ठीक 1:28 बजे कपाट बंद किए गए। इससे पहले सांयकालीन सभी पूजाएं संपन्न कराई गई। ठीक 1:28 बजे सयन आरती संपन्न करने के बाद कपाट बंद किए गए। बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि आज रात को 10:52 बजे से 12:48 बजे तक चंद्रग्रहण रहेगा।

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उन्होंने बताया कि चंद्रग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक माना जाता है। बताया कि कल प्रात: पांच बजे बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे। इधर, जोशीमठ के नृसिंह मंदिर, गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर के अलावा जिले के अन्य बड़े मंदिरों के कपाट भी दोपहर में सायंकालीन पूजाएं संपन्न करने के बाद बंद किए गए।

 

दोपहर 1.40 बजे बंद किए कपाट 

चन्द्रग्रहण के चलते गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट सोमवार दोपहर 1.40 बजे बंद कर दिए गए। दोनों धामों के कपाट मंगलवार सुबह चार बजे हवन पूजन करने के बाद खोल दिए जाएंगे। इसके साथ ही उत्तरकाशी के विश्वनाथ मंदिर तथा खरसाली के शनि मंदिर के कपाट भी सोमवार दोपहर 1.40 बजे बंद किए गए। मंगलवार सुबह 4 बजे हवन पूजन करने के बाद धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।

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