डॉ. अभिनव कपूर ने की अपील, सर्दियों में जरूरतमंद लोगों की करें मदद
देहरादून। इन दिनों पूरे उत्तर भारत में शीतलहर व कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इस दौरान प्रसिद्ध जनसेवी, विख्यात शिक्षक एवं ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. अभिनव कपूर ने आम नागरिकों से शीतलहर व सर्दी से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। जनसेवी डॉ. कपूर ने कहा कि इन दिनों देहरादून समेत पूरे उत्तर भारत में शीतलहर व कड़ाके की ठंड पड़ रही है। उन्होंने कहा कि हम थोड़ी सी सावधानी बरतकर शीत-घात से बच सकते हैं। इसके लिए उन्होंने सभी से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि शीत-घात से बचने के लिए मौसम के पूर्वानुमान के लिए रेडियो, टीवी, इंटरनेट व समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया प्रकाशन का ध्यान रखें ताकि यह पता चल सके कि आगामी दिनों में शीत लहर की संभावना है या नहीं। सर्दियों के लिए पर्याप्त कपड़ों का स्टॉक करें। घर में ठंडी हवा के प्रवेश रोकने हेतु दरवाजों तथा खिड़कियों को ठीक से बंद रखें। फ्लू, नॉक बहना, भरी नाक या नाक बंद जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना आमतौर पर ठंड में लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होती हैं। इस तरह के लक्षणों से बचाव हेतु आवश्यक सावधानी बरतें तथा स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों या डॉक्टर से परामर्श करें। जितना हो सके घर के अंदर रहें और ठंडी हवा, बारिश व बर्फ के संपर्क में आने से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें।
डॉ. अभिनव कपूर ने कहा कि सर्दी के मौसम में हमेशा गर्म कपड़े पहनें ताकि ठंड बिल्कुल न लगे। तंग कपड़े खून के बहाव को रोकते हैं, इनसे बचें। खुद को सूखा रखें और पानी में भीगने से बचें। शरीर की गरमाहट बनाये रखने हेतु अपने सिरए गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से ढककर रखें। गीले कपड़े तुरंत बदलें। हाथों में दस्ताने रखें। फेफड़ों को बचाने के लिए मास्क का प्रयोग करें। सिर पर टोपी या मफलर पहने, स्वास्थ्य वर्धक भोजन लें। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पीएं, इससे ठंड से लड़ने के लिए शरीर की गर्मी बनी रहेगी।
उन्होंने कहा कि इस दौरान बुर्जुग लोगों, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का विशेष ध्यान रखें एवं ऐसे पड़ोसी जो अकेले रहते हैं, विशेषकर बुजुर्ग लोगों का हाल चाल पूछते रहें। जरूरत के अनुसार ही रूम हीटर का प्रयोग करें, लेकिन रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें। बंद कमरों में कोयले को जलाना खतरनाक हो सकता है। क्योंकि यह कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस पैदा करती है। शराब का सेवन न करें, यह शरीर की गर्माहट को कम करता है एवं साथ ही यह खून की नसों को पतला कर देता है विशेषकर हाथों से जिसमें हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ. कपूर ने सभी सक्षम व्यक्तियों से अपील करते हुए कहा कि सड़क किनारे रहने वाले बेघर व मजबूर लोगों की मदद को आगे आएं एवं उनकी सहायता हेतु अपने सामर्थ्य के अनुसार गर्म कपड़े स्वेटर, शॉल व कंबल इत्यादि दान करें। जो लोग नये वस्त्र दान नहीं कर सकते वे अपने पुराने ऊनी या गर्म कपड़े दान कर गरीब लोगों की मदद करें। उन्होंने आम नगारिकों के साथ ही प्रशासन से भी अपील की है कि शीत लहर को देखते हुए शहर में जगह-जगह अलाव जलाने की व्यवस्था की जाए।