दुनिया के सबसे छोटे डायनासौर का अवशेष मिला, पढ़िये पूरी खबर
बीजिंग। म्यांमार में दुनिया के सबसे छोटे डायनासौर का अवशेष मिला है। यह एक एम्बर (पारदर्शी पत्थर) में सुरक्षित मिला है। इसकी मौत पेड़ के छिद्र में सिर अटकने से हुई थी। इसके बाद पेड़ की गौंद ने इसके सिर को कवर कर लिया। इससे सिर का हिस्सा सुरक्षित बच गया। यह करीब 990 लाख साल पुराना बताया जा रहा है। रिसर्चर ने इसका नाम ओकुलुडेन्टावीस खौंग्रेराए रखा है। ये जीव वर्तमान में मौजूद 2 ग्राम से भी कम वजनी क्यूबाई हम्मिंगबर्ड से भी छोटा था। यह परागकणों को छोड़ कर कीट-पतंगों को अपना शिकार बनाता था।
इसकी पहचान करने वाले रिसर्चर के मुताबिक, इसे देखने पर लगता है, जैसे इसकी मौत कल ही हुई हो। एक चौथाई इंच वाले अवशेष का आकार ब्लूबेरी से छोटा है। इस आधार पर शोधकर्ताओं ने डायनासौर का कम्प्यूटर से पूरा ढांचा बनाया है। अवशेष में मौजूद जबड़े में 100 के करीब दांत हैं। यह आरी के आकार में हैं। इन्हें 3डी तकनीक से देखा जा सकता है।
ओकुलुडेन्टावीस की अलग जीवन शैली थी
चायनीज एकेडमी ऑफ साइसेंस की जीवाश्म वैज्ञानिक और रिसर्च पेपर की मुख्य लेखिका जिंग्मा ओ’कोन्नोर ने बताया, ‘‘यह देखने में लगता है, जैसे अभी उड़ा हो। मैंने इसे सभी को दिखाया। यह बाकई बहुत अच्छा है। मैंने इससे पहले कभी ऐसा नहीं देखा था। एम्बर में ओकुलुडेन्टावीस की आंख भी दिख रही है, जो एक रेंगने वाली जीव से भी छोटी है। यह खुली हुई। इसकी अपने समान आकार के वर्तमान में मौजूद पक्षियों से अलग जीवन शैली थी। इसके जबड़े में दांत हैं जबकि, आज के पक्षियों में दांत नहीं हैं।
यह एक दुर्लभ शारीरिक रचना है
लॉस एंजिल्स काउंटी के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के सह पेपर लेखक लार्स शमित्ज ने कहा, ‘‘कशेरुकी जंतुओं के अंबर संरक्षण ने हमें डायनासौर के आखिरी पड़ाव की जानकारी दी है। यह एक दुर्लभ शारीरिक रचना है और दुनिया के सबसे छोटे पक्षी के नजरिए से प्राचीन भी है।’’ यह शोध नेचर जरनल में प्रकाशित हुआ है।