दुर्गा अष्टमी के दिन इन मंत्रों का करें जाप
शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता हैं कि नवरात्र में दुर्गा अष्टमी के दिन माँ दुर्गा के कुछ विशेष मंत्रों का जाप किया जाए तो व्यक्ति जिस भी चीज की कामना करता हैं माता उसी सभी कामनाएं पूरी करने के साथ अनेक मुसीबतों से भी बचाती है ।
सिद्ध मंत्र:
1- ॐ ह्रींग डुंग दुर्गायै नमः ।
2- “ॐ अंग ह्रींग क्लींग चामुण्डायै विच्चे ।
3- सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥
ये विशेष मंत्र माँ दुर्गा के अति चमत्कारी महामंत्र कहे गये हैं । ये मंत्र सभी प्रकार की सिद्धिः प्रदान करने करते है । इन्हें सबसे प्रभावी और गुप्त मंत्र माना जाता है और सभी मनवाक्षिंत इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति इन मंत्रों में निहित होती है । ये देवी माँ के बहुत लोकप्रिय मंत्र माने जाते हैं । इन मंत्रों के जप के बाद दुर्गासप्ती का पाठ आवश्यक होता हैं । इन मंत्रों की शक्ति व्यक्ति को सुंदरता, बुद्धि और समृद्धि मिलती है ।
गौरी मंत्र:
इन मंत्रों का 1100 बार जप अष्टमी तिथि को करने से योग्य जीवन साथी की प्राप्ति होती हैं ।
मंत्र
1- हे गौरी शंकरधंगी, यथा तवं शंकरप्रिया ।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्तकान्तम् सुदुर्लभं ।।
2- पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम् ।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम् ॥
धन मंत्र:
अष्टमी तिथि को इस मंत्र का जप करने से धन की प्राप्ति होती हैं ।
मंत्र
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:
स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।
दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्या
सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता ॥
पाप नाश मंत्र:
इस मंत्र का अष्टमी तिथि को जप करने सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं ।
मंत्र
हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत् ।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योऽन: सुतानिव ॥