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दुर्घटनाओं को दावत दे रहे स्पीड ब्रेकर, क्या हैं मानक

देहरादून। राजधानी देहरादून में बनाये गये स्पीड ब्रेकर जानलेवा साबित हो रहे हैं। यदि आंकड़ों पर गौर फरमायें तो बीते कुछ महीनों में दून की सड़कों पर बने इन स्पीडब्रेकर्स की वजह से कई चाहन सवार चोटिल हो चुके हैं और कई अपनी जान से हाथ धो चुके हैं। देहरादून में मानकों के विपरीत बने बने ये स्पीड ब्रेकर आमजन के लिए खतरा बन चुके हैं। जिस ओर सरकार एवं प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। दुर्घटना रोकने के लिए बनाए गए स्पीड ब्रेकर जानलेवा बने हैं जिन्हें, स्मूथ करने की ओर भी कोई कदम शासन व प्रशासन द्वारा नहीं उठाया जा रहा है।

गौरतलब है कि कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने मरीजों की संवेदनशीलता को देखकर स्पीड ब्रेकर बनाए जाने को लेकर गाइडलाइन जारी की थी और मानकों के विपरीत बनाए गए सभी स्पीड ब्रेकरों को हटाने का निर्देश दिया था लेकिन शहर के कई हिस्सों में अमानक बने स्पीड ब्रेकर से सुरक्षा कम और दुर्घटना की संभावना अधिक हो रही है।

शहर में कई इलाके हैं जहां स्पीड ब्रेकर जरूरत से ज्यादा बना दिए गए हैं। इन्हें बनाया भी ऐसा गया है कि इस मार्ग से गुजरते वक्त जोरदार झटका लगता है। स्पीड ब्रेकर बनाए जाने के पीछे अधिकारी अपनी राय यही देते है कि इसे बनाए जाने से वाहनों की स्पीड कम होती है जिससे दुर्घटना होने की संभावना कम होती है लेकिन ऐसे स्पीड ब्रेकरों से सुरक्षा कम और घटित हो रही हैं। इसके बावजूद अधिकारी इन्हें स्मूथ करने की दिशा में काम नहीं कर रहे हैं।

ये हैं स्पीड ब्रेकर बनाए जाने के मापदंड:

शहर में कईं जगहों पर बेतरतीब स्पीड ब्रेकर के कारण दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्पीड ब्रेकर्स बनाये जाते हैं जिनके लिए कुछ मानक बनाये गये हैं किन्तु स्पीडब्रेकर्स का निर्माण करते वक्त संबंधित विभाग द्वारा इसका ध्यान नहीं रखा जाता। आइऐ जानते हैं क्या हैं ये मानकः-

  • स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर, लंबाई 3.5 मीटर और वृत्ताकार क्षेत्र यानि कर्वेचर रेडियस 17 मीटर होना चाहिए।
  • ड्राइवर को सचेत करने के लिए स्पीड ब्रेकर आने से 40 मीटर पहले एक चेतावनी बोर्ड लगा होना चाहिए।
  • स्पीड ब्रेकर पर थर्मोप्लास्टिक पेंट से पट्टियां बनाई जानी चाहिए ताकि रात के समय वे ड्राइवरों की नज़रों से न चुके।
  • स्पीड ब्रेकर्स का निर्माण दुर्घटना रोकने के लिए किया जाता है।
  • हाईवे पर गोल व कम ऊंचाई का स्पीड ब्रेकर ही होना चाहिए वो भी वहां बना  होना चाहिए जहां उसकी ज्यादा आवश्यकता हो।
  • स्पीड ब्रेकर्स को चैराहे, अस्पताल य स्कूल से पहले बनाया जाना चाहिए।
  • स्पीड ब्रेकर्स की ऊंचाई अधिक होने से जहां वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं तो वहीं उनकी रीढ़ की हड्डी में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है।

सड़क बनवाने के लिए जितनी मारामारी करनी होती है, स्पीड ब्रेकर बनाने के लिए भी उतनी जद्दोजहद होती है। शहर में चकराता रोड पर विभाग द्वारा जबरन थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कई स्पीडब्रेकर्स बनाये गये हैं जो परेशानी का सबब बन रहे हैं। नियम कहता है कि स्पीड ब्रेकर सिर्फ उन्हीं जगहों पर होने चाहिए जहां स्कूल व न्यायिक व्यवस्थाएं मसलन कोर्ट होती हैं।

इसके अलावा अन्य जगहों पर बेवजह स्पीड ब्रेकर नहीं बनाना चाहिए। दूसरी ओर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी कहते हैं कि कई बार विवाद व दुर्घटनाओं के बाद दबाव के कारण स्पीड ब्रेकर बनाने पड़ते हैं। अब सवाल ये उठता है कि आखिर कब तक मासूम लोग विभागीय लापरवाही का शिकार बनते रहेंगे और सरकार व प्रशासन मूकदर्शक बनकर तमाशा देखते रहेंगे।

 

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