ऐडिलेड टेस्ट में टीम इंडिया ने मेजबान ऑस्ट्रेलिया को दी मात
ऐडिलेड। ऐडिलेड टेस्ट में मेजबान ऑस्ट्रेलिया पर 31 रन की जीत से मेहमान टीम इंडिया का मनोबल 7वें आसमान पर है। अबतक ऑस्ट्रेलिया में कुछ खास प्रदर्शन नहीं करने वाली टीम इंडिया की इस जीत से कप्तान विराट कोहली भी गदगद हैं। कोहली ने इस जीत के बाद कहा कि वह केवल एक जीत से संतुष्ट नहीं हैं और उम्मीद करते हैं टीम आगे भी इस क्रम को बरकरार रखेगी। इसस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है।
कोहली कोहली ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहला मैच जीतना हमेशा अच्छा होता है और इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है। भारतीय कप्तान ने कहा कि यह जीत हमारे लिए बहुत बड़ी है। उन्होंने पहली पारी में शानदार शतक लगाने वाले चेतेश्वर पुजारा की काफी तारीफ कही। कोहली ने कहा, ‘पुजारा ने पहली पारी में निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ अच्छे रन जोड़े।’
कैप्टन कोहली ने ओपनर मुरली विजय और के एल राहुल की दूसरी पारी में अच्छी साझेदारी की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘काफी समय से हमारे ओपनर अच्छी शुरुआत नहीं दे पा रहे थे लेकिन दूसरी पारी में विजय और राहुल ने हमें अच्छी शुरुआत दी। यह हमारे लिए सुकून भरा पल रहा। हमारी ओपनिंग की समस्या फिलहाल खत्म होती दिख रही है। राहुल अच्छे टच में दिख रहे थे, यह देखना भी हमारे लिए राहत भरा रहा।’
साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान कोहली ने अपने गेंदबाजों की खुलकर तारीफ की। कोहली ने कहा कि हमने चार गेंदबाजों के साथ अच्छी गेंदबाजी की। भारतीय गेंदबाजों ने दोनों पारियों में विपक्षी टीम को ऑल आउट किया। कोहली ने कहा कि यह बड़ी उपलब्धि है।
कोहली ने हालांकि कहा कि जीत तो अहम है लेकिन हम इस पर पूरी तरह खुश नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि हमें अपनी गलतियों से सीखना होगा। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के पहले ओवर में इशांत शर्मा की गेंद पर आरोन फिंच को अंपायर ने LBW दे दिया था लेकिन रिव्यू में पता चला कि इशांत का पैर पॉपिंग क्रीज से आगे था। कोहली ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अब ये गलतियां नहीं दोहराई जाएंगी।
कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘टेस्ट मैचों में ऐसा होता है। मैच में उतार चढ़ाव आते रहते हैं। बाधाएं भी आती हैं। उन्होंने वास्तव में अच्छा संघर्ष किया लेकिन हमने अपनी रणनीति अच्छी तरह से लागू की।’ भारतीय कप्तान से पूछा गया कि जब पुछल्ले बल्लेबाज इंतजार बढ़ा रहे थे तब क्या वह चिंतित थे, उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं बिल्कुल शांतचित था लेकिन, आप अपनी भावनाओं को खुलकर उजागर नहीं कर सकते। जसप्रीत (बुमराह) को उसके आखिरी ओवर में मैंने सहज रहने को कहा। गेंदबाजों पर मुझे गर्व है। हमारे पास चार गेंदबाज थे और उन्होंने 20 विकेट लिये जो बड़ी उपलब्धि है। पूर्व में हम ऐसा नहीं कर पाये।’
कोहली ने कहा कि भारत ने टेस्ट मैच में सामूहिक तौर पर अच्छा प्रदर्शन किया और उम्मीद जतायी कि उनके बल्लेबाज आगे भी अच्छी बल्लेबाजी करके गेंदबाजों के प्रयास को सफल करेंगे। उन्होंने कहा, ‘इससे पता चलता है कि अगर बल्लेबाज नियमित तौर पर जिम्मेदारी उठाते हैं तो हम प्रत्येक टेस्ट मैच में जीत के लिये प्रयास करेंगे। सामूहिक रूप से हमारी टीम बेहतर थी और हम जीत के हकदार थे।’
भारत की जीत के नायक चेतेश्वर पुजारा रहे जिन्होंने 123 और 71 रन की दो लाजवाब पारियां खेली तथा कप्तान ने भी उनकी सराहना की। कोहली ने कहा, ‘पुजारा ने अमूल्य पारी खेली। उनके धैर्य और प्रतिबद्धता से हमने वापसी की। हम जानते थे कि अच्छा स्कोर मेजबान टीम को संकोची बना देगा। कोई भी बढ़त महत्वपूर्ण होती और हमने 15 रन की बढ़त ली। इसके बाद दूसरी पारी में उसने और रहाणे ने शानदार बल्लेबाजी की।’ कोहली ने दूसरी पारी में हाफ सेंचुरी लगाने वाले अजिंक्य रहाणे की भी तारीफ की।
कोहली से पूछा गया कि क्या 323 रन का लक्ष्य पर्याप्त था, उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारा निचला मध्यक्रम और निचला क्रम अच्छा प्रदर्शन कर सकता था। हमें 30-35 रन और जोड़ने चाहिए थे जिससे मैच पूरी तरह से आस्ट्रेलिया के हाथ से निकल जाता।’ उन्होंने कहा, ‘पर्थ जाने से पहले हम इन चीजों पर गौर करेंगे लेकिन अगर कोई श्रृंखला से पहले मुझसे कहता कि श्रृंखला शुरू होने पर हम 1-0 से आगे हो जाएंगे तो मैं इसे हाथों हाथ लेता। ’
भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज का पहला टेस्ट मैच जीता है और इस बार भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। कोहली ने कहा कि उनकी टीम सिर्फ इस एक जीत से खुश नहीं होने वाली है। हम जीत से खुश हैं और हमें इसे आगे भी बरकरार रखना होगा। कप्तान ने कहा कि उनकी टीम ने लगातार विपक्षी टीम पर दबाव बनाए रखा और इसी का उन्हें फायदा मिला।
कोहली ने कहा कि अश्विन को जो जिम्मेदारी दी गई थी उसको उन्होंने अच्छे से निभाया। उन्होंने सही जगह गेंदबाजी की और विपक्षी टीम पर दबाव बनाए रखा। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में इससे पहले इतनी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। पहले टेस्ट में उनका 6 विकेट का प्रदर्शन उनका हौसला बढ़ाने वाला है।