एक ऐसा शहर जहां पूरे 40 दिनों की होती है रात
नाइट शिफ़्ट करने वालों की लाइफ़ थोड़ी टफ़ होती है. वो तब जागते हैं, जब दुनिया चैन की नींद से सो रही होती है. लोगों को नाइट शिफ़्ट करते देखना फिर भी ठीक है, लेकिन दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहां के बच्चे भी रात में स्कूल जाते हैं.
इस अनोखे शहर का नाम है Murmansk, ये रूस में है. यहां के लोग साल में 40 दिन बिना सूरज देखे बिताते हैं. आइए जानते हैं पूरी दुनिया में Sunless City के नाम से मशहूर इस शहर के बारे में.
Murmansk रूस का एक प्रमुख बंदरगाह है. प्रथम विश्व युद्ध में इस शहर का जन्म हुआ था. ये आर्कटिक सर्कल में आता है इसलिए यहां ठंड बहुत होती है. फ़ोटोग्राफ़र Sergey Ermokhin ने इस अनोखे शहर के मौसम और यहां रहने वाले लोगों की दिनचर्या को अपने कैमरे में कैद किया है.
60 दिनों तक नहीं होती रात
यहां गर्मियों के दिनों में पूरे 60 दिनों तक रात नहीं होती और सर्दियों में पूरे 40 दिनों तक सूरज के दर्शन नहीं होते. इस तरह की कंडीशन में भी यहां तकरीबन 3 लाख लोग रह रहे हैं. ऐसा भी नहीं है कि ये शहर रूस से कटा हुआ हो. यहां ट्रास्पोर्ट की सभी सुविधाएं मौजूद हैं. इसलिए टूरिस्ट भी इस अनोखे शहर को देखने के लिए आते रहते हैं.
यहां होती है पोलर दिन और पोलर रात
यहां के मौसम को पोलर दिन और पोलर रात में बांटा गया है. 22 मई से 22 जुलाई तक यहां दिन रहता है. इसे पोलर दिन कहा जाता है. इस दौरान यहां के लोग ये भी भूल जाते हैं कि रात कब हुई और दिन कब हुआ. इस शहर के लोगों का शरीर मौसम के हिसाब से ख़ुद को ढाल चुका है, लेकिन पर्यटकों को इससे बहुत दिक्कत होती है. गर्मियों में इन्हें सनबर्न की शिकायत होने लगती है.
सर्दियों में -34 डिग्री तक चला जाता है तापमान
और इसके बाद आती है वो रात जिसकी सुबह नहीं होती, 2 दिसंबर से 11 जनवरी तक. पोलर रात के इस समय में यहां के लोग रात में ही अपने काम पर जाते हैं और बच्चे रात में ही स्कूल. गर्मियों में इनकी बिजली की खपत कम हो जाती है और सर्दियों में उस दौरान की गई बचत घर को गर्म करने में ख़र्च हो जाती है. सर्दियों में यहां का तापमान -34 डिग्री तक चला जाता है.
सूरज निकलने का लोग मनाते हैं जश्न
इस मौसम में जब पहली बार सूरज सिर्फ़ 34 मिनट के लिए निकलता है. इसी तरह धीरे-धीरे दिन के घंटों में इज़ाफा होता रहता है. सूर्य के निकलने का जश्न भी लोग मनाते हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि भले ही उनका शरीर इसका आदि हो गया हो, लेकिन इससे उन्हें कई बीमारियां भी हो सकती हैं. सूरज से मिलने वाले विटामिन डी और अल्ट्रावायलेट किरणों के अभाव में ये बीमार हो सकते हैं. साथ ही इन दिनों लोगों के अवसाद ग्रस्त होने की भी संभावना बढ़ जाती है.
वैसे दाद देनी होगी यहां रहने वाले लोगों कि जो इतनी सारी मुसीबतों के बावजूद अपना जीवन बिता रहे हैं.