एक और सरकारी बैंक बना ठगी का शिकार, जूलर ने लगाया चूना
नयी दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले की परतें अभी खुल ही रही हैं, इसी बीच सीबीआई ने एक और बैंक के साथ धोखाधड़ी किए जाने का मामला दर्ज किया है। खबर के मुताबिक सीबीआई ने दिल्ली की ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) की एक शाखा के साथ 390 करोड़ की धोखाधड़ी किए जाने का मामला राजधानी के ही एक ज्वैलरी आउटलेट के खिलाफ गुरुवार (22 फरवरी) को दर्ज किया। सीबीआई हीरे, सोने और चांदी के जेवरात बनाने और उनका कारोबार करने वाले करोल बाग के द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल की जांच कर रही है, जिसने 2007 से ग्रेटर कैलाश-2 की ओबीसी की शाखा से फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट, फॉरेन डॉक्युमेंट्री बिल परचेज और अन्य अन्य जरियों का इस्तेमाल करते हुए कई क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया। कंपनी को चार लोग चलाते हैं, इनमें पंजाबी बाग के सभ्य सेठ, रीता सेठ और सराय काले खां के कृष्ण कुमार सिंह और रवि कुमार सिंह शामिल हैं। इन चारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
बैंक ने अपनी पड़ताल के बाद दावा किया कि सभ्य सेठ और अन्य निर्देशक अपने परिवार वालों समेत पिछले 10 महीनों से अपने घरों में नहीं मिले। ऐसा संदेह है कि सभ्य सेठ ने भारत छोड़ दिया है। पब्लिक सेक्टर की बैंक ने 16 अगस्त 2017 को द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल के खिलाफ सीबीआई का रुख किया था लेकिन एफआईआर गुरुवार को दर्ज की गई। इस मामले में इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि सीबीआई ने मामला दर्ज करने में 6 महीने क्यों लगाए। बैंक ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल ने लेटर ऑफ क्रेडिट के तहत फॉरेन बिल डिस्काउंटिंग के जरिये कई क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लिया। उन्होंने 2007 में पहली बार इस सुविधाओं का लाभ लिया और आगे के बिलों में छूट देने से पहले सभी बिलों को नियमित तौर पर जारी किया गया।
ओबीसी बैंक की तरफ से कहा गया कि सभ्य विदेश की फॉरेन बैंकों के द्वारा स्थापित किए गए लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिये सुविधा इस्तेमाल कर रहे थे। इनमें से कुछ बैंकों को खराब रेटिंग दी गई है। ओबीसी के अनुसार धोखाधड़ी के बाद सभ्य ने दुबई में फ्रेया ट्रेडिंग के नाम से कंपनी बनाई। उसने भारत से एक प्रतिनिधि को भी नौकरी पर रखा जिसका नाम अतुल कुमार गर्ग है। गर्ग ने टीओआई को बताया कि पिछले चार वर्षों से वह सभ्य सेठ के संपर्क में नहीं है। गर्ग ने कहा- ”मैंने वर्षों पहले उनके साथ कुछ व्यापार किया था लेकिन मुझे नहीं पता कि वह अब कहां हैं। मेरा उनके साथ कुछ भी लेना-देना नहीं है।” सेठ और अन्य निर्देशकों की लोकेशन का अभी पता नहीं चला है।