शर्मनाक! मिड-डे मील में बच्चों को खिलाया नमक चावल, जानिए पूरा मामला
अयोध्या। मिड-डे मील जो सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का पेट भरता है, उसी मिड-डे मील में जब बच्चों को नमक चावल खिलाया जाए तो किसी को भी गुस्सा आना जायज है। ये मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले से, वही अयोध्या जो इस वक्त भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो अयोध्या के बीकापुर के प्राथमिक स्कूल डीहवा पांडेय का पुरवा का है। वीडियो वायरल होने के बाद जब लोगों ने इस पर सोशल मीडिया के माध्यम से नाराजगी जाहिर की तो आनन फानन में विभाग ने प्रिंसिपल पर कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड कर दिया।
वायरल वीडियो में क्या है
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे बच्चे नमक और चावल खा रहे हैं। वहीं इसमें ये भी सुना जा सकता है कि वीडियो बनाने वाला शख्स कह रहा है कि जब उसने इस मामले को लेकर ग्राम प्रधान और शिक्षक से बात कि तो उन लोगों ने इसकी जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया। शख्स आगे वीडियो में कहता है कि आप देख सकते हैं यहां यह बच्चे कैसे नमक और चावल खा रहे हैं, अगर ऐसा रहा तो फिर कौन अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में भेजेगा। इसके साथ ही वीडियो बनाने वाले ने कहा कि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को भी ये वीडियो देखना चाहिए।
जिस अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है, उसी अयोध्या के सरकारी स्कूल में बच्चों को नमक चावल खिलाया जा रहा है।
हाय रे कलयुग…! pic.twitter.com/B0UCv0yUuM— Sushmit Sinha (@sushmitsinha_) September 29, 2022
11 करोड़ का घोटाला भी हुआ है
अयोध्या से पहले यूपी के फिरोजाबाद में एक टीचर ने मिड-डे मील के मान पर 11 करोड़ रुपए का घोटाला किया था। विजिलेंस टीम की जांच में ये सामने आया है कि ये घोटाला 2008 से 2014 के बीच किया गया है। इस खबर के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
क्या था पूरा मामला
प्राइमरी स्कूल शिकोहाबाद में कार्यरत सहायक अध्यापक चंद्रकांत शर्मा ने साल 2006 में एक समिति का गठन किया था। इस समिति का नाम सारस्वत आवासीय शिक्षा समिति था और इसका रजिस्ट्रेशन सोसाइटी एक्ट के तहत कराया गया। इसके बाद साल 2008 से 2014 तक इस समिति को फिरोजाबाद जिले में मिड-डे-मील योजना के तहत 11,46,40,384 रुपए की रकम का भुगतान किया गया। इस रकम को शिकोहाबाद के पंजाब नेशनल बैंक में जमा किया गया और फिर वहां से कई अन्य बैंकों के फर्जी खातों में ट्रांसफर किया गया।