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मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया प्रशिक्षण शिविर

देहरादून। उघान एवं खाघ प्रसंस्करण विभाग अंतर्गत मशरूम विभाग द्वारा युवाओं एंव छोटे कृषकों को मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में बढ़ावा देने के उद्देश्य को लेकर सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया, जिसमें आज अंतिम दिन प्रशिक्षार्थीयों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

मशरूम उत्पादन को लेकर 17 जनवरी से 23 जनवरी तक मुख्य मशरूम विकास अधिकारी डा. संजय कमल एवं अपर मशरूम विकास अधिकारी बी़ एस चौहान के मार्गदर्शन में सात दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये 30 प्रशिक्षणार्थीयों ने प्रतिभाग किया। इस प्रशिक्षण शिविर में अपर मशरूम विकास अधिकारी बी एस चौहान द्वारा प्रतिभागियों को मशरूम उत्पादन की विधि की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।

जिसमें खास तौर पर उत्तराखंड की भौतिक परिस्थिति के आधार पर होने वाली बटन मशरूम, ढींगरी मशरूम और मिल्की मशरूम के बारे में जानकारी देते हुए मशरूम क्या है, मशरुम उत्पादन में लगने वाले संसाधन, मशरूम उगाने की विधि, उसकी स्वास्थ्य के प्रति उपयोगिता, उसमें लगने वाली कीट व्याधियों की पहचान एवं उनकी रोकथाम की जानकारी, उसके पौष्टिक उत्पाद एवं उसके संरक्षण के उपाय आदि के बारे में विस्तारपूर्वक प्रशिक्षण दिया गया।

साथ ही एक दिवसीय फील्ड विजिट के तौर पर प्रतिभागियों को शंकरपुर सहसपुर में स्थित प्लांट में ले जाकर मशरूम की उत्पादन विधि के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई, वहीं प्लांट का बारीकी से निरीक्षण कराकर कम्पोस्ट बनाने की विधि पर भी प्रकाश डाला गया। वहीं इस प्रशिक्षण में जंगल में होने वाली जहरीली मशरूम के घातक परिणामों के बारे में भी बताया गया।

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 जानकारी देते अपर मशरूम विकास अधिकारी बी एस चौहान

मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण शिविर केे अंंतिम दिन आज प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किये गये, साथ ही सरकार की ओर से मशरूम उत्पादन के प्रदान की जाने वाली सब्सिडी के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराई गई। इस मौके पर विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों के तौर पर मुख्य मशरूम विकास अधिकारी डा. संजय कमल, अपर मशरूम विकास अधिकारी बी एस चौहान, बी एन कोठियाल एवं हीरा सिंह के अलावा प्रतिभागियों में राजीव गुप्ता, लोकेन्द्र राणा, कपिल शर्मा, राहुल शर्मा, अभय गर्ग, निर्मल सिंह, तबरेज खान, महेंद्र तोमर, मौ. आरिफ, आफताब आलम, वन्दना आदि शामिल रहे।

“छोटे कृषक और युवा मशरूम उत्पादन कर अपने आय के स्रोत को बढ़ा सकते हैं। मशरूम इनडोर में होने वाली उपज है, जिसको बंजर या कम भूमि पर मडहाउस बनाकर किया जा सकता है। साथ ही पक्के आवास या हाल में व्यवस्थित ढंग से तापमान व नमी का प्रबंधन कर भी किया जा सकता है। जिसकी उपज से अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है। मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में महिलाएं भी बढ़ चढ़कर भागीदारी निभा रही हैं, जिस वजह से उनको भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

बी एस चौहान, अपर मशरूम विकास अधिकारी देहरादून

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